उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कहा कि जिला में भू-स्खलन को लेकर संवेदनशील सड़कों एवं अन्य जगहों की सूची पहले से तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए गए हैं ताकि भू-स्खलन इत्यादि से होने वाले नुक्सान को कम करने की दिशा में कारगर कदम उठाए जाएं। इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग, आईपीएच तथा विद्युत विभाग को आपदा प्रबंधन की दृष्टि से जेसीबी मशीनें और आवश्यक उपकरण भी तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिला स्तर तथा उपमंडल स्तर पर आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम खोल दिए गए हैं ताकि आपदा से त्वरित प्रभाव से निपटा जा सके।
उपायुक्त ने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए सड़कों में पानी की निकासी इत्यादि की भी उचित व्यवस्था करने, शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में नालों तथा गंदे पानी की निकासी के लिए निर्मित नालियों की भी उचित सफाई की जाए ताकि पानी का प्रवाह सुचारू रूप से चलता रहे। उपायुक्त ने आईपीएच विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी पेयजल भंडारण टैंकों की सफाई तथा पानी की क्लोरीनेश किया जाए ताकि लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके और जलजनित रोगों से भी बचाव किया जा सके। उपायुक्त ने कहा कि खाद्य आपूर्ति विभाग को भी आवश्यक खाद्य वस्तुओं का दो माह का भंडारण सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। आपदा के दौरान राहत कार्यों में किसी भी स्तर पर बिलंब नहीं किया जाए।
उन्होंने कहा कि सभी विभागों को मानसून सीजन के दौरान आपदा प्रबंधन से जुड़े कार्यों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं ताकि आपदा प्रबंधन का कार्य सुचारू रूप से सके। सभी उपमंडलाधिकारियों को पंचायत प्रतिनिधियों तथा वालंटियर्स के साथ आपदा प्रबंधन को लेकर आवश्यक बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आपदा से तुरंत प्रभाव के साथ निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी नियमित तौर पर लोगों तक पहुंचाने के लिए भी उपयुक्त कदम उठाए गए हैं ताकि आम जनमानस पहले से ही मौसम को लेकर पहले से अलर्ट रहें।