हिमाचल कांग्रेस में विवाद पर अब सभी की निगाहें नए प्रदेश प्रभारी सुशील कुमार शिंदे पर टिकी गई हैं। माना जा रहा है कि पार्टी का एक धड़ा अपनी शर्तों को लेकर शिंदे से बात करने वाला है। अगर, शिंदे उन शर्तों के हवाले से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को मनाने में कामयाब रहे तो सब कुछ ठीक होने की उम्मीद है। लेकिन, अगर वे नाकाम रहते हैं तो फिर असंतुष्ट धड़ा कोई भी राह इख़्तियार कर सकता है।
वैसे अपने हाल के बयान में मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि आंतरिक कलह के बावजूद कोई भी कांग्रेसी लीडर बीजेपी के टच में नहीं है। लेकिन, समाचार फर्स्ट के सूत्र बता रहे हैं कि कई नेता बीजेपी से संपर्क साधे हुए हैं। अलबत्ता बीजेपी की कोशिश कई नेताओं पर डोरे डालने की चल रही है। यहां मसला हिमाचल कांग्रेस प्रभारी के राय पर डिपेंड करता है।
नाम नहीं बताने की शर्त पर कुछ नेताओं ने समाचा फर्स्ट को बताया कि कांग्रेस का भविष्य किस तरफ निर्भर करता है यह आलाकमान को सोचना होगा। नए कांग्रेस प्रभारी काफी अनुभवी हैं वह समझ सकते हैं कि पार्टी की भलाई किसमें है।
उधर, बीजेपी भी कांग्रेस के नेताओं के संपर्क में होने की बात तो कह रही है, लेकिन अंदरखाने उसके नेताओं में भी हलचल तेज है। एक तो पार्टी के भीतर पहले ही नेतृत्व और टिकट वितरण को लेकर मारामारी है। ऐसे में वह भी अपने आलाकमान की कोशिशों के मद्देनज़र सशंकित है। पार्टी के कई नेता अब खुले तौर कहना शुरू कर दिए है कि बीजेपी में अगर कांग्रेस के लोग आते हैं तो उनका स्वागत है, लेकिन अगर टिकट की चाह रखते हैं तो भूल जाएं।