हमीरपुर के साथ लगती ग्राम पंचायत बल्ह के वार्ड नंबर 5 में हरिजन बस्ती के लिए सड़क सुविधा न होने से यहां के लोगों को दिनचर्या के कामकाम को निपटाने में दिक्कतें पेश आती हैं। अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तो उसे कंधों पर उठाकर सड़क तक पहुंचाया जाता है। गत दो दिन पहले भी वार्ड नंबर पांच में एक व्यक्ति के अचानक बीमार पड़ जाने पर बिस्तर पर उठाकर सड़क तक पहुंचाना पडा। हालांकि कुछ माह पहले हरिजन बस्ती के लिए सड़क सुविधा देने के लिए एक करोड 65 लाख रूपये की राशि का प्रावधान भी किया गया था । इसके तहत सड़क का काम शुरू भी हुआ लेकिन रिहायशी जमीन मालिकों द्वारा जमीन न दिए जाने के चलते मात्र सौ मीटर सड़क कार्य लटका होने से सड़क को संपर्क मार्ग से नहीं जोडा जा सका है।
महिला पुष्पा देवी ने बताया कि गांव के लिए बीमारी की हालत में अस्पताल पहुंचाने के लिए दिक्कतें पेश आती हैं। बीमारी की हालत में मरीज को बिस्तर पर उठाकर ही लाना पड़ता है। सडक नहीं बनने से एबुलेंस तक गांव में नहीं पहुंच पाती । उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सड़क बनाने के लिए रास्ता खुलवाया जाए। वहीं, गांव के बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया कि सड़क के लिए जमीन दान की हुई है लेकिन एक व्यक्ति ने सड़क को निकालने के लिए अडंगा लगाया है जिसके चलते अब सड़क संपर्क मार्ग से नहीं जुड़ पा रही है। उन्होंने मांग की है कि गांव के लोगों को जाने के लिए निकाली जा रही सड़क कार्य को पूरा करवाया जाए।
ग्राम पंचायत बल्ह के गांव मौंही में हरिजन बस्ती को जाने के लिए सड़क की सुविधा की दरकार होने से ग्रामीण परेशान है। इस बावत पंचायत प्रधान के पास भी कई बार सड़क सुविधा का प्रावधान करने के लिए गुहार लगाई गई है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं हो सका है। पंचायत वार्ड सदस्य मनोज कुमार का कहना है कि जमीन विवाद होने के चलते सौ मीटर सड़क बडू को जाने वाली संपर्क मार्ग से नहीं जुड पाई है । लोगों का कहना है कि सड़क बनाने के लिए सभी ने जगह पीडब्ल्यूडी को जगह गिफट डीड दी है लेकिन एक परिवार के द्वारा जमीन नहीं दिए जाने पर अब सड़क का काम रूक गया है। उन्होंने सरकार और जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द इस जमीन का फैसला करवाया जाए ताकि हरिजन बस्ती के लिए सडक सुविधा मिल सके।