मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बोह के रूलेहड़ गांव पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और पीड़ित परिवारों को ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये घटना बहुत दुखत है। जब तक लापता आखिरी व्यक्ति की तलाश नहीं हो जाती तब तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा बोह के अलावा रजोल और अनसूई गांव में भी अधिक नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि बारिश के चलते जीतने भी परिवार बेघर हुए हैं सरकार उनको घर बनाकर देगी। साथ ही मृतक परिवार को रिफिल फंड के तहत 4 लाख का मुआवजा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला में बारिश से बहुत अधिक नुकसान हुआ है। घटना के तुरंत बाद ही जिला प्रशासन को रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने के निर्देश दिए गए थे। प्रदेश सरकार बारिश प्रभावित परिवारों की हर संभव सहायता करेगी। केंद्र भी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
बोह में मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए सुबह से ही रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। NDRF, होमगार्ड और स्थानीय लोग मिलकर मलबे में दबे लोगों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं। मंगलवार दोपहर तक एक महिला के शव को मलबे से निकाला गया है। जबकि 8 लोग अभी भी लापता हैं। हालांकि बारिश के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया है। इस घटना में अब तक 2 महिलाओं की मौत हो चुकी है जबकि 5 लोगों को जिंदा निकालने में सफलता मिली है।
बता दें कि सोमवार को कांगड़ा में हुई भारी बरिश के चलते बोह में 7 घर भूस्खलन के चपेट में आ गए थे। जिसमें करीब 15 लोग लापता थे। मलबे में दबे लोगों के रेस्क्यू के लिए सोमवार को NDRF की टीम पहुंची और देर रात तक रेस्क्यू कर 5 लोगों को जिंदा निकालने में सफलता पाई। इससे पहले सोमवार को एक महिला का शव भी बरामद हुआ था।