कांगड़ा जिला में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण करेरी झील के नजदीक फंसे 49 लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है। इसके साथ ही त्रियुंड में अस्सी लोगों की जान बचाई गई है। गत दो दिनों में कांगड़ा जिला में भूस्खलन और भारी बारिश के कारण विभिन्न जगहों पर फंसे 141 लोगों को सकुशल सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की गई है जबकि 11 के करीब लोगों की मौत हुई है। वहीं, बोह में लापता दो लोगों, चकवन में एक लापता व्यक्ति को ढूंढने के लिए सर्च अभियान जारी है।
इस बारे में जानकारी देते हुए उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने बताया कि अब तक शाहपुर उपमंडल के बोह में पांच लोगों को सकुशल निकाला गया है जबकि आठ की मौत हो चुकी है और अभी भी दो लोग लापता हैं। उनको ढूंढने के लिए एनडीआरएफ, होम गार्डस, पुलिस की टीम ने सर्च अभियान चलाया हुआ है। इसी तरह से चकवन में मांझी खड्ड में बाढ़ की चपेट में आए एक व्यक्ति की तलाश के लिए भी अभियान जारी है। उन्होंने कहा कि करेरी झील के नजदीक फंसे 50 लोगों में से एक की मौत हुई है जबकि 49 को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
उन्होंने बताया कि रजोल में गज खड्ड की बाढ़ की चपेट में आए चार लोगों और ततवानी में एक व्यक्ति को बचाया गया है। धर्मशाला उपमंडल के घेरा में भूस्खलन की चपेट में आए दो व्यक्तियों को बचाया गया है। उन्होंने बताया कि चैतडू तथा शीला में बाढ़ से प्रभावित 382 लोगों के लिए बगली में राहत कैंप लगाया गया है जिसमें ठहरने और भोजन इत्यादि की व्यवस्था की गई है।
उपायुक्त ने कहा कि जिला में राहत तथा पुनर्वास के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं तथा लोगों को भी खड्डों नदियों तथा नालों के पास नहीं जाने की हिदायतें दी गई हैं। उन्होंने कहा कि बोह में राहत और पुनर्वास के कार्य में प्रशासन जुटा है इसके साथ ही बारिश से अवरूद्व संपर्क मार्गों को भी खोला जा रहा है। निपुण जिंदल ने कहा कि राजस्व अधिकारियों को बारिश से प्रभावित लोगों के लिए तत्काल प्रभाव से फौरी राहत देने के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि प्रभावितों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं झेलनी पड़े। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय पर 24 घंटें आपदा कंट्रोल रूम के माध्यम से आपदा प्रबंधन तथा राहत कार्यों की निगरानी सुनिश्चित की जा रही है।