देश को पहला ऐसा नेशनल हाईवे मिल गया जहां वायुसेना के लड़ाकू विमान भी उतर सकेंगे। जी हां राजस्थान का बाड़मेर हाईवे देश का पहला ऐसा हाईवे बना है जहां इमजेंसी के दौरान वायुसेना के लड़ाकू विमान उतर सकेंगे। गुरुवार को सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजस्थान के जालौर में बाड़मेर हाइवे पर स्पेशल एयरस्ट्रिप की शुरुआत कर दी है। दोनों मंत्री एक ही विमान से इस हाईवे पर उतरे। वहीं, उद्घाटन के दौरान हाईवे पर वायुसेना के सुखोई और जगुआर जैसे लड़ाकू विमाने को उतारा गया।
बता दें कि पाकिस्तान सीमा से सटे इस हाईवे को सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हाईव पर इस एयर स्ट्रिप के शुरू होने से वायुसेना को इसका काफी फायदा मिलने वाला है। वहीं, उद्घाटन के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान बॉर्डर से ये एयरस्ट्रिप कुछ ही दूरी पर है, जो ये सिद्ध करता है कि भारत किसी भी चुनौती के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने कहा कि 3 किलोमीटर लंबे इस स्ट्रेच को 19 महीने में तैयार किया गया है, कोरोना काल में भी इसका काम जारी रहा।
उन्होंने कहा कि एयरस्ट्रिप के साथ-साथ तीन हैलिपेड भी तैयार हुए हैं। ऐसे में सिर्फ युद्ध ही नहीं बल्कि प्राकृतिक आपदा या किसी अन्य आपदा के समय भी ये काफी काम आएंगे। उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों पर हाइवे पर 20 जगहों पर ऐसी एयरस्ट्रिप तैयार की जा रही हैं। साथ ही अलग-अलग जगहों पर हैलिपेड भी बनाए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने भारतीय वायु सेना के लिए आपातकालीन स्थिति में विमान उतारने के लिए एनएच-925ए के सट्टा-गंधव सेक्शन के तीन किलोमीटर के हिस्से पर इस आपातकालीन पट्टी का निर्माण किया है। यह पट्टी भारतमाला परियोजना के तहत गगरिया-बखासर और सट्टा-गंधव खंड के नव विकसित ‘टू-लेन पेव्ड शोल्डर’ का हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 196.97 किलोमीटर है और इसकी लागत 765.52 करोड़ रुपये है। ‘पेव्ड शोल्डर’ उस भाग को कहा जाता है, जो राजमार्ग के उस हिस्से के पास हो जहां से वाहन नियमित रूप से गुजरते हैं।