महिला बेरोजगार प्रशिक्षित एएनएम संघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसी कड़ी में बुधवार को संघ ने शिमला के उपायुक्त कार्यालय के बाहर से शेर ए पंजाब तक रोष रैली निकाली और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। संघ ने कहा कि सरकार अगर आरएंडपी रूल्स के आधार पर फीमेल हेल्थ वर्कर्स के पदों पर प्रशिक्षण प्राप्त फीमेल हेल्थ वर्कर्स को तैनाती नहीं दे सकती है तो जगह-जगह खोले गए इन प्रशिक्षण संस्थानों को भी तत्काल प्रभाव से बंद करें।
उन्होंने कहा है कि उक्त 205 पदों पर भर्ती और पदोन्नति नियमों के आधार पर सिर्फ प्रशिक्षण प्राप्त फीमेल हेल्थ वर्कर्स की तैनाती नहीं की तो सरकार इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि साल 2018 में स्वास्थ्य विभाग के तहत 205 बहुउद्देशीय महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पदों को भरने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त फीमेल हेल्थ वर्कर्स अभियर्थियों से आवेदन मांगें गए थे, लेकिन कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को ताक पर रखकर फीमेल हेल्थ वर्कर्स अभ्यर्थियों के साथ साथ जीएनएम और बीएससी नर्सिंग अभियर्थियों के आवेदनों को भी स्वीकार कर दिया। उन्होंने दावा किया कि बीते 15 सितंबर को घोषित किए परिणाम में 95 फीसदी अभ्यर्थी जीएनएम और बीएससी नर्सिंग के ही उत्तीर्ण हुए हैं।
प्रदेश में 6 हजार प्रशिक्षित फीमेल हेल्थ वर्कर्स बेरोजगार
महिला बेरोजगार प्रशिक्षित एएनएम संघ ने कहा कि प्रदेश में प्रशिक्षण प्राप्त फीमेल हेल्थ वर्कर्स की संख्या 6000 है। जो सारी महिलाएं इन दिनों बेरोजगार हैं। इसलिए सरकार से मांग है कि जिस तरह पैरामेडिकल स्टाफ को 50 फीसदी बैचवाइज रखा जा रहै है उसी तरह एनएम महिलाओं को भी 50 फीसदी बैचवाइज रखा जाए। हम पिछले कई सालों से अपने हक के लिए लड़ रही हैं। लेकिन प्रदेश सरकार हमारी मांगो की तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही है।
चुनावों को करेंगे वहिष्कार
संघ ने कहा कि 2012 में प्रशिक्षण प्राप्त फीमेल हेल्थ वर्कर्स को रखना शुरू किया था। लेकिन अभी तक हमारे लिए सरकार द्वारा कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया। अगर सरकार जल्द हमारे बारे में नहीं सोचती है तो हम सभी आने वाले चुनावों का बहिष्कार करेंगी। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से गुहार लगाई गई कि आरएंडपी रूल्स के आधार पर प्रशिक्षण प्राप्त फीमेल हेल्थ वर्कर्स की तैनाती करें।
भर्ती नियमों में हुई अनदेखी
महिलाओं ने आरोप लगाया कि उक्त पदों को भरने के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों की साफ अनदेखी की गई है। आवेदन में डेढ़ वर्ष डिप्लोमा धारक फीमेल हेल्थ वर्कर्स को ही उक्त पदों के लिए योग्य माना गया था। अपने हितों के लिए प्रशिक्षण प्राप्त फीमेल हेल्थ वर्कर्स कई बार मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से भी मिलीं, लेकिन सरकार की इस मामले में कोई संज्ञान नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि इससे अब डिप्लोमा धारक फीमेल हेल्थ वर्करों में रोष है। आज उपायुक्त कार्यालय से शेर ए पंजाब तक रैली निकाली जा रही है उसके पश्चात सचिवालय में ज्ञापन सौंपा जाएगा। अगर सरकार ने हमीरी मांगे नहीं मानी तो अनशन शुरू करेंगे और ये तब तक जारी रहेगा जब तक प्रदेश सरकार हमारी मांगे नहीं मानती।