मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बुधवार को जिला शिमला के अति दुर्गम क्षेत्र क्वार पहुंचे। यहां उन्होंने करोड़ों के उद्घाटन और शिलान्यास किए। जनता की मांगों पर मुख्यमंत्री ने कुछ घोषणाएं भी की। इन सौगातों से इतर यहां एक और बात भी चर्चा में रही। मुख्यमंत्री अपने साथ इस सुदूर क्षेत्र के लिए कोविड वैक्सीन की खेप भी ले गए थे।
डोडरा क्वार में भी प्रदेश के बाकी हिस्सों की तरह सभी पात्रों को कोविड वैक्सीन की पहली डोज देने का लक्ष्य हासिल किया जा चुका है और अब दूसरी डोज देने का अभियान तेजी से जारी है। ऐसे में, संपूर्ण वैक्सीनेशन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिए गए 30 नवंबर के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में मुख्यमंत्री की इस पहल को अहम कदम माना जा रहा है।
दरअसल, हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां काफी विषम हैं। यहां बड़ा भंगाल और पांगी जैसी जगहें हैं, जो बर्फबारी के कारण दुनिया से कट जाती हैं। इसी तरह शिमला जिला का डोडरा क्वार भी अति दुर्गम क्षेत्र है। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने साथ शिमला से कोविड वैक्सीन की 2500 डोज लेकर क्वार पहुंचे। ऐसा करने के पीछे इरादा यह था कि सुदूर क्षेत्र के लोगों के लिए कम समय पर सुरक्षित ढंग से वैक्सीन पहुंचाई जा सके।
हिमाचल अपनी पात्र आबादी के सभी व्यस्कों को कोविड-19 की पहली डोज देने में देशभर में अव्वल रहा है। इस उपलब्धि के लिए हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल की जनता के साथ ‘वैक्सीन संवाद’ किया था। इस दौरान उन्होंने डोडरा क्वार के दुर्गम क्षेत्र में सेवाएं दे रहे डॉक्टर के साथ भी बातचीत की थी, जिन्होंने वैक्सीनेशन अभियान में पहली डोज के लक्ष्य को हासिल करने में अहम भूमिका निभाई थी।
बड़ा भंगाल भी हेलीकॉप्टर से भेजी गई थी वैक्सीन
कोविड वैक्सीनेशन अभियान में जब बड़ा भंगाल जैसे अति दुर्गम क्षेत्र के लोग छूट रहे थे तो हिमाचल सरकार के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया था। हेलीकॉप्टर के माध्यम से ही डीसी कांगड़ा, चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ को बड़ा भंगाल भेजा गया था। ऐसे में सरकार का हेलीकॉप्टर भी जनता के लिए उपयोगी साबित हो रहा है। लाहौल स्पीति में रेस्क्यू ऑपरेशन में भी इसे इस्तेमाल किया गया था।