धर्मपुर उपमंडल के मढ़ी कस्बे से दो किलोमीटर दूर एक रेन शेल्टर में एक बेसहारा मां अपने 2 साल के बेटे के साथ जिंदगी गुजार रही है। रोटी और कपड़ों का कोई इंतजाम न होने के बावजूद कई महीनों से वह कैसे जीवित है यह कोई नहीं जानता। सकलाना पंचायत की दलित महिला गुड्डी देवी के पति गोविंद राम का चार साल पहले निधन हो चुका है।
वहीं, गांववासियों का कहना है कि गुड्डी देवी करीब दो साल से यहां रह रही है। किसी हैवान ने इसे गर्भवती कर डाला था। यह महिला अपने 2 साल के बेटे को छाती से चिपकाए भूख-प्यास और भयंकर ठंड में दिन काट रही है। हैरानी की बात यह है कि इतने वर्षों में पंचायत या प्रशासन की नजर इन मजलूमों पर नहीं पड़ी। मां और बेटा दोनों ठंड के मौसम में रेन शेल्टर में ठिठुरने को मजबूर हैं।
सरकारी तंत्र की नाकामी : संजय शर्मा
समाजसेवी संजय शर्मा ने कहा कि बेसहारा मां-बेटे का अभावों के बीच रेन शेल्टर में वक्त गुजारना सरकारी तंत्र की असफलता है। उन्होंने प्रशासन से इनकी हिफाजत और पुनर्वास करने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन इस तरफ कोई कदम नहीं उठाता है तो गुड्डी देवी के इलाज और बच्चे के पुनर्वास का खर्च वह खुद उठाने को तैयार हैं।
शीघ्र होगा पुनर्वास : SDM
एसडीएम धर्मपुर मुकेश रेपस्वाल ने बताया कि एक संस्था के प्रतिनिधि के माध्यम से उनके ध्यान में यह मामला है। प्रशासन जरूरतमंद लोगों के पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है। इस बारे में पूरी जानकारी ली जाएगी। मां बेटे के पुनर्वास के लिए शीघ्र उचित कदम उठाए जाएंगे।