कालीबाड़ी मंदिर में दुर्गा पूजा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। विजयदशमी के अवसर पर शुक्रवार सुबह से मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। बंगाल समुदाय की विवाहिता महिलाओं ने माता रानी का सुंदर श्रृंगार किया। इसके बाद महिलाओं ने एक दूसरे के साथ सिंदूर की होली खेली और जमकर नृत्य किया। दोपहर बाद मां की मूर्तियों को विसर्जन के लिए हाल से बाहर निकाला गया।
मंदिर के पुजारी अमलन गोस्वामी ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी से लेकर विजयदशमी यानी दशहरे तक दुर्गा उत्सव मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि राम रावण के युद्ध के समय विजय के लिए देवताओं ने मां की पूजा अर्चना और हवन किया था। उसके बाद राम ने रावण का वध और मां ने महिसासुर का वध कर दिया। इसी के चलते मन्दिर में दशमी के दिन सिंदूर की होली को खेला जाता है।