श्रम कल्याण बोर्ड में चल रही स्टाफ की कमी और लाभार्थियों के लाभ जारी न करने पर सीटू ने दोसड़का स्थित श्रम बोर्ड कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान कई कामगार भी सीटू के इस धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। सीटू ने कहा कि पंजीकृत मजदूरों को जो सामान श्रम कल्याण बोर्ड के तरफ से मिलता है वे अभी तक नहीं मिल पाया है। इसके अलावा श्रम कल्याण बोर्ड में पंजीकृत परिवारों को बच्चों को 2020 के शिक्षा वजीफे नहीं मिले हैं। सीटू का कहना है कि अगर सरकार ने मांगें न मानी तो 2 नवंबर को शिमला में श्रमिक कल्याण बोर्ड का घेराव करेंगे।
सीटू के राष्ट्रीय सचिव कश्मीर सिंह ने कहा कि कोरोना पीरियड का जो छह हजार रुपए मजदूरों के बैंक खाते में आना चाहिए था आज तक नहीं आया है। अन्होंने बोर्ड में बड़े पैमाने पर धांधली होने के आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने बताया कि ऐसा पता चला है कि चेहेतों को लाभ दिया जा रहा है और उनका फार्म पहले शिमला पहुंचा जाता है जबकि अन्य के फार्म कार्यालय में ही पड़े रहते हैं। ऐसे 1500 के करीब आवेदन जिला कार्यालय में ही पड़े हुए हैं। समस्या के समाधान के लिए बोर्ड के चेयरमैन से भी मुलाकात की जा चुकी है लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। बोर्ड के इस रवैये से आज मजदूर खासा परेशान है।
कश्मीर सिंह ने कहा कि अब हर रोज 11 बजे से लेकर डेढ बजे तक प्रदर्शन का सिलसिला जारी रखा जाएगा। इसके बावूजद भी अगर सरकार नहीं मानी तो दो नवंबर को शिमला में श्रमिक कल्याण बोर्ड का घेराव किया जाएगा। इस दिन हजारों मजदूर शिमला जाएंगे और सो रही सरकार को जगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाषणों से पेट नहीं भरता लोगों को उनका लाभ मिलना चाहिए। पहले काफी सामान मिलता था जो आज नहीं मिल रहा है।