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बांस का इस्तेमाल कर कलाकृतियां बनाने वाले नादौन के करतार सिंह ‘पद्मश्री’ से सम्मानित

जसबीर |

हमीरपुर ज़िला के नादौन के रहने वाले करतार सिंह सौंखले को भारत सरकार की ओर से पद्मश्री अवार्ड दिया गया है। सूचना मिलते ही समूचे नादौन क्षेत्र में प्रसन्नता की लहर है। दिल्ली में आयोजित विशेष समारोह में उन्हें महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह सम्मान भेंट किया। करतार सिंह बांस का प्रयोग करके कलाकृतियां बनाते हैं।

अधिकाशं कलाकृतियां उन्होंने शीशे की बोतल के अंदर बनाई है, जिसमें से भगवान शिव परिवार, राधा कृष्ण, अब्दुल कलाम, साईं बाबा सहित दुनिया की कई धरोरों की कृतियां बनाई है। इसके अलावा बोतल के बाहर भी बांस की कई ऐसी अद्भुत कृतियां बनाई है। करतार सिंह को इसके लिए हमीर गौरव, एशिया बुक ऑफ अवार्ड, इंडियन बुक ऑफ अवार्ड, सहित कई पुरस्कार मिल चुके हैं।

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने अपनी कला को और अधिक उभारा। करतार सिंह का बचपन उनके पैतृक गांव नादौन के गलोड़ क्षेत्र के रूटेहड़ गांव में बीता। हायर सेकेंडरी तक की शिक्षा उन्होंने गलोड़ स्कूल से हासिल की। 1959 में जन्मे करतार सिंह ने बिलासपुर कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की और उसके बाद उन्होंने डी फार्मेसी की। 1986 में उनकी नियुक्ति एनआईआईटी हमीरपुर में बतौर फार्मेसिस्ट हो गई। 1987 में उनका विवाह सुनीता देवी से हुआ जो कि वर्तमान समय में कांगड़ा जिला के कूहना स्कूल में बतौर प्रवक्ता अपनी सेवाएं दे रही हैं।

2019 में ही करतार सिंह बतौर चीफ फार्मासिस्ट सेवानिवृत्त हुए हैं। करतार सिंह ने बताया कि बचपन से ही उन्हें बांस से बनी वस्तुओं से लगाव था और गत 20 सालों से वह उस कला से कलाकृतियां बना रहे हैं। वह अपनी कलाकृतियां बेचते नहीं बल्कि सहेज कर रखते हैं। अब वह सरकार की मदद से एक म्यूजियम बनाना चाहते हैं।