प्रदेश सरकार ने मनरेगा मजदूरों से काम तो करवा लिया लेकिन अब उनको काम का मेहनताना नहीं दिया जा रहा। मनरेगा मजदूरों को करीब 3 महीने से उनकी दिहाड़ी का पैसा नहीं मिल पाया है। खबर है कि केंद्र सरकार ने करीब 200 करोड़ रूपये का बजट रोक रखा है। जिस कारण से मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी के अलावा मटीरियल का भी भुगतान नहीं हो पाया है।
दिहाड़ी का पैसा न मिलने से महंगाई के इस दौर में मनरेगा मजदूरों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि मनरेगा एक्ट के अनुसार मजदूरों को 15 दिन के भीतर उनकी दिहाड़ी का भुगतान करना होदा है। अगर 15 दिन के भीतर भुगतान नहीं होता है तो बाद में ब्याज सहित पैसा देना होता है। ऐसे में प्रदेश सरकार को भी मनरेगा मजदूरों के खाते में ब्याज सहित उनकी दिहाड़ी देनी होगी।
उधर, इस संबंध में हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक ऋग्वेद मिलिंद ठाकुर ने कहा कि राज्य में इस बार लक्ष्य से अधिक काम हुआ है। इस कारण निर्धारित से अधिक बजट खर्च हो रहा है। जिसके चलते मनरेगा मजदूरों का भुगतान लेट हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया गया है। जल्द ही इस समस्या का सामाधान होने की उम्मीद है।