हिमाचल की HRTC बस कंडक्टर भर्ती मामले में सरकार ने एक्शन लिया है। अब एचआरटीसी के 1300 कंडक्टर भर्ती मामले की जांच होगी। प्रदेश सरकार ने परिवहन निगम से भर्ती परीक्षा की फाइल मांग ली है। यह परीक्षा पूर्व कांग्रेस सरकार ने सितंबर, 2017 में ली थी। आचार संहिता के चलते परिवहन निगम परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं कर पाया।
बीजेपी ने जताई गड़बड़ी की संभावना
बीजेपी सरकार ने कंडक्टर भर्ती के परिणाम की फाइल रोक कर जांच करने की बात कही है। हिमाचल सरकार को इस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ होने की संभावना जता रही है। इधर, परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ठाकुर ने कहा कि कंडक्टर भर्ती के परिणाम की फाइल रोक दी है। परीक्षा की जांच पड़ताल करने के बाद ही इस मामले पर विचार होगा।
3800 युवाओं ने पास की थी लिखित परीक्षा
परिवहन निगम की ओर से सरकारी स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इसमें 40,000 के करीब युवाओं ने परिचालक की लिखित परीक्षा दी थी। परिवहन निगम के मुताबिक करीब 3800 युवाओं ने यह परीक्षा पास की थी। इसके बाद इन युवाओं के दस्तावेज की जांच के लिए बुलाया गया।
आचार संहिता के चलते रोका था रिजल्ट
पंद्रह दिन तक चली इस प्रक्रिया के बाद निगम फाइनल रिजल्ट तैयार किया गया। इसी बीच हिमाचल में आचार संहिता लग गई। हालांकि निगम की ओर से इलेक्शन कमीशन को भी परिणाम घोषित किए जाने का प्रपोजल भेजा गया लेकिन इलेक्शन कमीशन ने साफ किया कि नई सरकार खुद अपने स्तर पर ही इसे मंजूरी देगी।
कंडक्टर का प्रशिक्षण देने को भी नहीं मिली मंजूरी
कौशल विकास निगम के तहत परिवहन निगम ढाई महीने के लिए युवाओं को कंडक्टर का प्रशिक्षण देता रहा है। इस महीने के तीसरे सप्ताह में करीब ढाई सौ कंडक्टर का प्रशिक्षण पूरा हो जाएगा। अगला बैच बिठाने के लिए सरकार की ओर से परिवहन निगम को मंजूरी नहीं मिल रही है। ऐसे में हिमाचल में करीब 200 बसें के पहिये थम जाएंगे, चूंकि इन प्रशिक्षु कंडक्टर के सहारे ही हिमाचल में परिवहन निगम की बसें सड़कों में दौड़ रही है।