हिमाचल में सबसे कम उम्र में एसपी बनने वाले गौरव सिंह को एक बार फिर औद्यौगिक नगरी बद्दी में लगाया गया है। किसी समय गौरव बद्दी में बतौर एएसपी सेवाएं देते थे, लेकिन विधायक की पत्नी के साथ कुछ मतभेद के चलते उनका तबादल कर दिया गया था। बुधवार को हुए तबादले में उन्हें फिर बद्दी भेजा गया है और इस बार वे बतौर SP सेवाएं देंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बतौर एएसपी रहते गौरव ने बिना किसी दबाव के विधायक की पत्नी के टिप्पर का चालान काट दिया था। इसके बाद सरकार ने उन्हें पदोन्नत कर कांगड़ा में बतौर एएसपी भेजा था। लेकिन, अब नई सरकार बनते ही एक बार फिर गौरव को बद्दी भेज दिया गया। कहा तो ये भी जाता है कि यहां के लोग भी गौरव की वापसी की मांग करते थे, क्योंकि अपने कार्यकाल में गौरव ने नशे और माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाइयां की थी।
कौन है गौरव..
गौरव सिंह का जन्म 1 जुलाई, 1990 को आगरा में एक साधारण परिवार में हुआ है। उनके पिता का नाम बी. सिंह और माता का नाम किरण देवी हैं। बद्दी में बतौर ए.एस.पी. गौरव सिंह ने अपने 7 महीनों के कार्यकाल में अवैध खनन के 177 मामले पकड़े और करीब 26 लाख रुपए जुर्माना वसूला था। इसी तरह ड्रग्स के 13 और अवैध शराब के कारोबार के 75 मामले पकड़े थे। बद्दी में अपने कार्यकाल में गौरव सिंह ने एटीएम से नकदी चोरी, चेन स्नैचिंग व मर्डर के 2 मामलों को भी सुलझाया था।
गौरव अब तक सही ढंग से नौकरी न करने वाले 26 पुलिस व होमगार्ड जवानों पर कार्रवाई की है, जिनमें 22 लाहौल-स्पीति और 4 बद्दी के शामिल हैं। गौरव सिंह कहते हैं कि गलत को छोड़ा नहीं जाना चाहिए और सही को गलत फंसाया नहीं जाना चाहिए। सही करते हुए डरना नहीं चाहिए, क्योंकि सही का साथ सभी देते हैं। ऐसी सोच के साथ आगे बढ़ रहे गौरव सिंह का विजन हिमाचल पुलिस के मोटो निर्भय, सत्यनिष्ठ व निष्पक्ष के आधार पर कार्य करने का है।
DGP डिस्क अवॉर्ड से सम्मानित हैं गौरव
गौरव सिंह को 30 जून, 2017 को तत्कालीन डीजीपी संजय कुमार ने डीजीपी डिस्क आवार्ड से सम्मानित किया था। उन्हें यह अवार्ड वर्ष 2015 में जिला शिमला के बालूगंज में ब्लाइंड मर्डर को सुलझाने व ओवरआल गुड वर्किंग के लिए मिला था।