लखनऊ स्थित ब्राइटलैंड स्कूल में हुई वारदात से हर कोई सकते में है। मंगलवार को सातंवी की छात्रा ने क्लास फर्स्ट के छात्र रितिक पर चाकू से हमला किया था,जिससे छात्र बुरी तरह से घायल हो गया था। गुरूवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल में पहुंचकर घायल छात्र का हाल जाना। वहीं पुलिस ने इस सिलसिले में स्कूल की प्रिंसिपल को हिरासत में ले लिया है।
छात्र ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी छात्रा की पहचान भी की है। स्कूल में हुई चाकू की वारदास से स्कूल की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं। गुरुवार को स्कूल के बाहर सैकड़ो अभिभावक पहुंचे। उन्होंने स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया। छात्रों के पेरेंट्स का आरोप है कि स्कूल में बच्चों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। एक छात्रा पूरी तैयारी के साथ स्कूल में चाकू लाती है लेकिन स्कूल का प्रशासन इस सब से आनजान रहता है। छात्रा चाकू लेकर टॉइलट में इतनी बड़ी घटना को अंजाम देती है लेकिन स्कूल प्रशासन को भनक तक नहीं लगती।
पुलिस अधीक्षक ट्रांस गोमती हरेंद्र कुमार को दिए बयान में पीड़ित छात्र ने बताया, 'स्कूल में प्रेयर होने जा रही थी,मैंने क्लास में अपना बैग रखा और प्रेयर में जाने लगा,तभी दीदी मुझे जबरदस्ती घसीटकर टॉयलेट में ले गई,मुझे चाकू मारते हुए वह कह रही थी कि तुम को जान से मार दूंगी,जबतक तुम मरोगे नहीं, स्कूल में छुट्टी कैसे होगी.'
गौरतलब है पिछले साल गुरूग्राम के रयान इंटरनैशनल स्कूल में ऐसी ही वारदात को अंजाम दिया गया था। जिसमें प्रद्युम्न नामक स्कूली छात्र की टॉलेट में हत्या कर दी गई थी। इस हत्या का आरोप पहले स्कूल बस के कंडक्टर पर लगा था, लेकिन सीबीआई ने 11वीं क्लास के छात्र पर प्रद्युम्न की हत्या का आरोपी माना था। स्कूल में छोटे बच्चों द्वारा आपराधिक वारदातों को अंजाम देने जैसी घटनों ने स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के साथ-साथ बच्चों के स्वभाव में आ रहे बदलाव पर भी कई स्वाल खड़े कर दिए हैं। पेरेंट्स के साथ साथ डॉक्टर्स भी हैरान हैं कि ये बच्चे आपराधिक बारदातों को कैसे अंजाम दे रहे हैं। क्या ये महज गुस्से के कारण हो रहा है या फिर जिस तरह से समाज में अपराध की घटनाएं घट रही हैं ,ये बच्चे उससे प्रभावित हो रहे हैं।