पर्वतीय राज्यों में इस बार बर्फ का सूखा दिख रहा है। अमेरिका जहां भारी बर्फबारी से जूझ रहा है, वहीं भारत में अलग स्थिति है। जनवरी के महिने में बर्फ से चमचमाती हिमालय की चोटियां सूखी नजर आ रही हैं। हालत यह है कि उत्तराखंड में कैलाश मानसरोवर रूट पर पड़ने वाले 'ॐ पर्वत' पर अभी से 'ॐ' की आकृति दिखी है। बता दें कि आमतौर पर मई-जून में यह दृश्य दिखाई देता है। मौसम वैज्ञानिक इसे ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह बता रहे हैं।
देश में सर्दी का मौसम तकरीबन अपने आखिरी दौर पर है, लेकिन इस बार हिमाचल प्रदेश हो या फिर उत्तराखंड, दोनों ही स्थानों पर एक भी बार भीषण बर्फबारी नहीं हुई है। इन क्षेत्रों में जनवरी महीने के आखिर तक पूरी तरह से सूखा पड़ा हुआ है, जिसकी वजह से हिमाचल में सेब की फसल के लिहाज से चिंता जताई जा रही है। माना जा रहा है कि यदि ऐसा ही बना रहा तो गर्मियों में पानी की समस्या भी पैदा हो सकती है।
11-12 दिसंबर को हुई थी बारिश और बर्फबारी
यही नहीं इस बार सर्दी के मौसम ने उत्तर भारत को सिर्फ एकबार प्रभावित किया है। ऐसा लगभग 11-12 दिसंबर को हुआ था जब मैदानी क्षेत्रों में बारिश हुई और हिमालय के ऊपरी हिस्सों में बर्फबारी हुई। इसके बाद शेष दिसंबर महीने में बर्फबारी या बारिश जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों और हिमालय के ऊपरी क्षेत्र तक ही सीमित रही है।
शिमला में भी नहीं हुई बर्फबारी
ठंड लहरें और नमी युक्त हवाएं दक्षिणी यूरोप और पश्चिमी एशिया से आती हैं, जो उत्तर भारत में बारिश के मौसम का प्रमुख श्रोत हैं। शिमला में मौसम विभाग के प्रमुख मनमोहन सिंह ने कहा, 'शिमला में इस बार जनवरी महीने में बर्फबारी नहीं दर्ज की गई है। अब तक यहां बारिश भी नहीं हुई। यदि इस माह शुष्क मौसम बना रहता है तो यह 11 वर्षों में पहली बार होगा जब हिमाचल की राजधानी जनवरी माह में बर्फबारी के बिना रह जाएगी। हालांकि, 24 जनवरी तक बारिश या बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है लेकिन इसकी पुष्टि करना जल्दबाजी होगी।'