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हादसों के बाद कांगड़ा में पैराग्लाइडिंग पर रोक, DC का आदेश

डेस्क |

जिला कांगड़ा में पैराग्लाइडिंग के दौरान हो रहे हादसों को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने अब सख्त कदम उठाया है। लगातार हो रहे हादसों को देखते हुए डीसी कांगड़ा निपुण जिंदल ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कांगड़ा जिला में पैराग्लाइडिंग पर रोक लगा दी है। ये रोक आगामी आदेशों तक जारी रहेगी। इस दौरान यदि कोई भी पायलट उड़ान भरता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उपायुत्त ने पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित पैराग्लाइडिंग के मापदंडों को पूरा करने के आदेश जारी किए हैं।

डीसी द्वारा जारी आदेशों के तहत जिला पर्यटन विकास अधिकारी को सभी पैराग्लाइडिंग ऑपरेटर्स और पायलट का पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। पंजीकरण के साथ ही यूनिक कोड देने की व्यवस्था भी करना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि एचपी ऐरो स्पोर्ट्स रूल्स के तहत तकनीकी कमेटी द्वारा पैराग्लाइडिंग के उपकरणों की जांच और प्रमाणीकरण जरूरी किया गया है। उपमंडलाधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन की सहमति के साथ स्थानीय तकनीकी और रेगुलेटरी कमेटी गठित की जाए। उक्त कमेटी पैराग्लाइडिंग को लेकर उपयुक्त मौसम और अन्य सुरक्षा प्रबंधों की निगरानी करेगी।

निपुण जिंदल ने कहा कि संबंधित उपमंडलाधिकारियों को पायलट और पैराग्लाइडिंग के लाइसेंस की चेकिंग के लिए दो जगहों उड़ाने भरने और उतरने वाले स्थल पर उचित व्यवस्था करने के आदेश दिए गए हैं ताकि बिना पंजीकरण के पैराग्लाइडिंग पर अंकुश लगाया जा सके। इसके साथ ही लैंडिंग साइट पर नो पार्किंग जोन के आदेश भी पारित करने के लिए कहा गया है।

उपायुक्त ने कहा कि जिला पर्यटन विकास अधिकारी को आदेश दिए गए हैं कि बिना लाइसेंस के पैराग्लाइडिंग करने वालों के लिए जुर्माने के प्रावधान को लेकर आवश्यक निर्देश दिए जाएं और जो पायलट बार-बार आदेशों की अवहेलना करते हुए पाए जाएं उन आपरेटर्स और पायलट को ब्लैकलिस्ट करने का प्रावधान भी किया जाए। उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि पंद्रह दिन के भीतर इन आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है, आदेशों की अनुपालना होने पर ही पैराग्लाइडिंग पर रोक का निर्णय पर पुनर्विचार किया जाएगा।

बदा दें कि दो दिन पहले बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग के दौरान एक पायलट और पर्यटक की गिरने से मौत हो गई थी जबकि एक अन्य पायलट गंभीर रूप से घायल हुआ था। इससे पहले भी बीड़ बिलिंग और धर्मशाला के इंद्रूनाग में इस तरह के हादसे पेश आ चुके हैं। इन्हीं हादसों पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन ने अब ये कदम उठाया है ताकि पैराग्लाइडिंग के दौरान होने वाले हादसों पर अंकुश लगाया जा सके।