गुजरात और कर्नाटक की तर्ज पर अब हिमाचल प्रदेश ने भी स्कूली पाठ्यक्रम में ‘भगवद्गीता’ को जोड़ने का फैसला लिया है। हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा, “मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि इस सत्र से नौवीं से बारहवीं कक्षा के छात्रों को ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ एक सब्जेक्ट के रूप में पढ़ाई जाएगी।”
उन्होंने मंडी में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि छात्रों को उनकी संस्कृति के बारे में जागरूक करने और उन्हें नैतिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। स्कूलों में ‘भगवद्गीता’ संस्कृत और हिंदी भाषा में पढ़ाई जाएगी। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश सरकार ने तीसरी कक्षा से संस्कृत की पढ़ाई शुरू करने का भी फैसला लिया है।
बताया जा रहा है कि शिक्षा मंत्री रविवार को एक जन मंच की अध्यक्षता करने और जनता की शिकायतें सुनने के लिए मंडी जिले में पहुँचे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर लोगों की समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जन मंच कार्यक्रम के माध्यम से राज्य सरकार ने जनता को अपनी शिकायतों का जल्द से जल्द समाधान करने के लिए एक शक्तिशाली मंच दिया है।
CM Jairam Thakur has said that 'Shrimad Bhagvad Gita' will be taught to all school students from Class 9: Himachal Pradesh Education Minister, Govind Singh Thakur, in Mandi yesterday pic.twitter.com/gtUI0qnmnA
— ANI (@ANI) April 4, 2022
मालूम हो कि इससे पहले गुजरात सरकार ने मार्च 2022 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 6 से 12वीं कक्षा तक के बच्चों को स्कूलों में श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ाने का फैसला लिया था। यह आदेश गुजरात के सभी स्कूलों में लागू होगा। गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वाघानी ने 17 मार्च को इसकी घोषणा की थी। शिक्षा मंत्री जीतू वाघानी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, “क्लास 6 से 8 तक की कक्षाओं में श्रीमद्भगवद्गीता कहानी और श्लोकों रूप में होगी। वहीं क्लास 9 से 12 तक ये कहानी और श्लोकों के रूप में पहली भाषा पुस्तक में होगी।