प्रदेश सरकार और वन विभाग वन माफिया पर लगाम लगाने का दावा कर रही है, लेकिन अभी तक वन माफिया पर लगाम नहीं लगाई जा सकी है सरकार और विभाग के दावे फेल होते दिख रहे हैं । बिना किसी रोक-टोक के पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई जा रही है। वहीं, माफिया की इस करतूत से जंगलों के वजूद पर खतरा पैदा हो गया है।
अब कुल्लू के भुंतर में वन विभाग और पुलिस ने दो अलग-अगल मामलों में देवदार की लकड़ियों की बड़ी खेप बरामद की है। पुलिस ने गड़सा घाटी में नजां के जंगलों में छापेमारी कर देवदार के 100 तख्ते और जंगल के अंदर काट कर रखे गए पेड़ भी बरामद किए हैं। इसी कड़ी में वन विभाग की टीम ने कंडी के जंगलों में भी छापेमारी कर देवदार के करीब 30 स्लीपर और सात लट्ठे बरामद किए हैं। हालांकि अभी तक पुलिस और वन विभाग को तस्करों का पता नहीं चल सका है।
डीएफओ पार्वती हीरा लाल राणा ने कहा कि वन विभाग की टीम ने पकड़ी गई लकड़ी को कब्जे लिया है। दोनों मामलों में पुलिस और वन विभाग छानबीन करने में जुट गए हैं। एएसपी कुल्लू एनएस नेगी ने कहा कि पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
प्रदेश में लगातार बड़ रहा वन माफिया का कहर
24 जनवरी को शिमला के जंगलों में भी वन रक्षकों ने सिडार ऑयल निकाल रहे वन माफिया का पर्दाफाश किया था, और उसका वीडियों भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था। वीडियो में वन रक्षक ने विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे।
शिमला की कोटी वन रेंज में माफिया ने 400 से अधिक पेड़ों पर कुल्हाडी चला दी।
वहीं, चंबा में कोयला बनाने के लिए अवैध तरीके से पेड़ों को काटा जा रहा था। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार भी किया था। गौरतलब है कि पिछले साल वन माफिया ने वन रक्षक होशियार सिंह की हत्या कर उसे पेड़ पर लटका दिया था।