भारत सरकार ने 2018-19 का इकोनॉमिक सर्वे को लोकसभा में पेश कर दिया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस सर्वे को सदन में रखा। इस सर्वे के अनुसार जीडीपी ग्रोथ 7-7.5 फीसदी के बीच रहने की संभावना जताई गई है। सर्वे के मुताबिक कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर चिंता जताई गई है। अगर इसकी रफ्तार ऐसी ही रही तो यह महंगाई बढ़ा सकता है, जो कि चिंता का विषय है। इसके साथ ही निजी ग्रामीण भारत पर फोकस बढ़ाने की बात इस सर्वे में कही गई है।
2019 लोक सभा चुनाव से पहले यह बजट मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है इसलिए इस बजट को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बजट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जीएसटी के बाद पहली बार बजट पेश किया जा रहा है।
नोटबंदी और जीएसटी से टैक्सपेयर्स बढ़े
सर्वे के अनुसार सरकार का इस बार मुख्य फोकस रोजगार, शिक्षा पर रहने की उम्मीद है। सर्विस ग्रोथ 8.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। इसके साथ ही सर्वे में कहा गया है कि इस बार नोटबंदी और जीएसटी के लागू होने के बाद टैक्सपेयर्स की संख्या में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है।
1 फरवरी पेश को होगा आम बजट
बजट सत्र का पहला भाग 29 जनवरी से 9 फरवरी तक और दूसरा भाग 6 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा। आम बजट 1 फरवरी को को अरुण जेटली पेश करेंगे। हाल ही में प्रधानमंत्री ने एक इन्टरव्यू के दौरान ऐसे संकेत दिए थे कि आम बजट 2018 लोकलुभावन नहीं रहेगा। केंद्र सरकार अपने सुधार के एजेंडे पर काम करेगी।