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हिमाचल में बेरोजगारी दर दिनों दिन बढ़ती जा रही है। आलम ये है कि बेरोजगारी के मामले में हिमाचल प्रदेश देशभर के टॉप 6 राज्यों में शुमार हो गया है। इसका खुलासा सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानि CMIE की रिपोर्ट में हुआ है। CMIE की रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में मार्च 2022 तक बेरोजगारी दर 12.1% दर्ज की गई है जबकि यह देश की 7.6% है। हिमाचल से अधिक बेरोजगारी दर केवल 5 राज्यों हरियाणा में 26.7%, झारखंड में 14.5%, जम्मू कश्मीर और राजस्थान में 25% और त्रिपुरा में 14.1% है।
प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी दर को लेकर AAP ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। AAP ने प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी के लिए सीधे तौर पर जयराम सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। AAP के प्रदेश प्रवक्ता गौरव शर्मा ने कहा कि BJP सरकार की नाकामी के चलते ही आज प्रदेश बेरोजगारी के मामले में देशभर में टॉप 6 राज्यों में शामिल हुआ है। उन्होंने कहा कि जब से BJP सरकार बनी है तब से विभिन्न सरकारी विभागों में करीब 2100 पदों को खत्म कर दिया है। इसके अलावा राज्य सरकार विभागों में खाली पड़े पदों को भरने की बजाय उन्हें डाइंग कॉजर में डालककर खत्म कर रही है। पिछले कुछ सालों के दौरान सरकार ने विभिन्न विभागों, बोर्ड व निगमों में 2068 पद खत्म किए हैं। जो पद भरे गए हैं, उनमें से ज्यादातर पदों पर आउटसोर्स-आंशिक व दैनिक भोगी आधार पर कर्मचारी रखे जा रहे है। यानि की इन पदों पर भी अपने चहेतों को नौकरी देकर लाभ पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा नौकरी देने के बाद इन कर्मचारियों का जमकर शोषण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में पद खत्म करने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1990 तक अकेले बिजली बोर्ड में 42 हजार से अधिक फील्ड स्टाफ था। अब इनकी संख्या कम होकर लगभग 17 हजार रह गई है। सैकड़ों पदों पर भर्तियां चार साल पहले निकाली गई थी वह भी पूरी नहीं हो पाई है। जो भर्ती प्रक्रिया 2018, 2019 और 2020 में शुरू की गई थी, उनकी प्रक्रिया भी आज तक लटकाई हुई है। इससे युवाओं में असंतोष बढ़ता जा रहा है और बेरोजगारी दर बढ़ रही है। प्रदेश भर के रोजगार कार्यालयों में 10 लाख से ज्यादा बेरोजगार पंजीकृत हैं जो आए दिनों रोजगार के लिए भटक रहे हैं।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं और इनमें बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा बनने वाला है। प्रदेश के बेरोजगार युवा भाजपा विधायकों को अभी से घेरना शुरू कर दिया है। चंद रोज पहले मंडी में BJP के एक विधायक से कुछ बेरोजगारों ने कार्यक्रम के दौरान रोजगार को लेकर सवाल किए तो विधायक को मंच से उल्टे पांव भागना पड़ा। भाजपा विधायक इन्द्र सिंह युवा का जवाब देने के बजाय जय श्री राम के नारे लगाते नजर आए। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है ऐसे और न जाने आने वाले दिनों मे कितने वीडियो वायरल होंगे क्योंकि हिमाचल का युवा ही नहीं बल्कि आम जनता भी भाजपा की नीतियों से दुखी होकर आज उससे सवाल पूछना चाहती है। लेकिन भाजपा के नेता आज जवाब देने से डरते हैं और जुमलों और झूठ के अलावा कुछ नहीं बोल सकते हैं। विधानसभा चुनाव में जब भाजपा के नेता वोट मांगने युवाओं के बीच जाएंगे तो उन्हें रोजगार को लेकर पढ़े-लिखे युवाओं के सवालों का जवाब देना होगा, क्योंकि युवा पीढ़ी उच्च व व्यावसायिक शिक्षा के लिए महंगाई के दौर में लाखों रुपए खर्च रही है। लेकिन प्रदेश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। इससे राज्य में पढ़े-लिखे शिक्षित बेरोजगारों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।
AAP प्रवक्ता ने कहा, आखिर जयराम सरकार इतनी संवेदनहीन क्यों हो गई है ? जो सिर्फ भ्रष्टाचार के अलावा अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने का काम का रही है। बेरोजगारों के साथ धोखा करने वाली सरकार को आने वाले चुनाव में मुंह की खानी पड़ेगी। युवाओं के पास अब एक ही विकल्प है आम आदमी पार्टी जो युवाओं को रोजगार क साधन देगी। क्योंकि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में यह कर दिखाया है। जिसने पांच साल में 12 लाख से ज्यादा युवाओं को दिया है। और आने वाले दिनों में 20 लाख देने की योजना है। जो हिमाचल में भी आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर रोजगार के द्वार खोलेगी।