चुनावी वर्ष में कई संगठन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। इसी कड़ी में हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) के पेंशनर कल्याण संगठन ने अपनी मांगो को लेकर सरकार के खिलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। शिमला पुराने बस अड्डे में संगठन ने धरना प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में प्रदेशभर से पेंशनर्स ने भाग लिया।
संगठन का कहना है की सरकार को पेंशनर्स लंबे समय से अपने मांग पत्र सौंप रहे हैं लेकिन आज दिन तक केवल उनके साथ भेदभाव ही हुआ है। हर महीने की पहली तारीख को पेंशन नहीं आ रही है। जुलाई 2015 से लंबित डीए, मेडिकल बिलों का भुगतान आदि मांगों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री ने भी गंभीरता नहीं दिखाई है। अब पेंशनर्स सड़क पर उतरकर संघर्ष करने को मजबूर हैं।
पेंशनर संगठन के राज्य अध्यक्ष केसी चौहान ने प्रदेश सरकार को चेताया कि पेंशनरों की अनदेखी विधानसभा चुनाव में सरकार पर भारी पड़ सकती है। एचआरटीसी पेंशनरों की 350 करोड़ों की वित्तीय देनदारियां लंबित हैं। एचआरटीसी से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की स्थिति दयनीय है। कुछ माह पहले सरकार और पेंशनरों ने माह के पहले सप्ताह में पेंशन देने का वायदा किया था। पेंशनरों को विलंब से पेंशन मिल रही है, जिससे उन्हें बुढ़ापे के समय में वित्तीय तंगी से जूझना पड़ रहा है।
उन्होंने प्रदेश सरकार और पथ परिवहन निगम से जल्द से जल्द राहत देने की मांग उठाई है। उन्होंने चेतावनी दी है की सरकार यदि उनकी मांगो पर गौर नहीं करती है तो आने वाले समय में आंदोलन और अधिक तेज़ होगा।