कोरोनरी एंजियोप्लास्टी पारंपरिक रूप से केवल फलोरोस्कोपी द्वारा की जाती है। लेकिन देश एवं विदेशों में कोरोनरी एंजियोप्लास्टी परिणामों में सुधार के लिए आधुनिक तरीकों को अपनाया जा रहा है। इंट्रावास्कुलर अल्ट्रासाउंड (आईवीयूएस) एक ऐसा उपकरण है, जिसका उपयोग कोरोनरी एंजियोप्लास्टी के दौरान किया जाता है। इस क्षेत्र में इस तरह का पहला मामला फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा के कार्डियोलोजिस्ट डॉ. अतीत द्वारा एक मरीज पर किया गया। जो पहले एक अलग अस्पताल में अपना ट्रीटमेंट करवा रहा था।
फोर्टिस कांगड़ा में डॉ अतीत ने आईवीयूएस तकनीक से कोरोनरी एंजियोप्लास्टी का उपयोग करके उत्कृष्ट परिणामों के साथ सफलतापूर्वक रिपीट एंजियोप्लास्टी की। कोरोनरी ऐजियोप्लास्टी के दौरान आईवीयूएस हमें कोरोनरी स्टेनोसिस की लंबाई, कोरोनरी स्टेनोसिस की विशेषताओं और कोरोनरी धमकी के आयामों को मापने में मदद करता है।
इनके आधार पर स्टेंट के सही आकार को प्रत्यारोपित किया जा सकता है, जो प्रक्रियाओं की सफलता में काफी सुधार करेगा और लंबी अवधि में एंजियोप्लास्टी के स्थायित्व में सुधार करेगा। आईवीयूएस हमें एंजियोप्लास्टी के दौरान किसी भी जटिलता का पता लगाने में भी मदद करता है, ताकि इसका तुरंत ध्यान रखा जा सके। फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा में आईवीयूएस तकनीक उपलब्ध कराई गई है और इसे सामान्य रोगियों, हिम केयर और ईसीएचएस रोगियों के लिए भी उपलब्ध करवाया गया है।