हिमाचल प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष और स्क्रीनिंग समीति के सदस्य सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि धर्मशाला स्थित शीतकालीन विधानसभा भवन के मुख्य गेट पर खालिस्तान के झंडे लगना सरकार की नाकामी है। प्रदेश में कानून और व्यवस्था का दिवाला निकल चुका है। इस घटना ने साबित कर दिया है कि जयराम सरकार प्रशासनिक रूप से पूरी तरह असक्षम है। सरकार मामले की गंभीरता को देखते हुए समयबद्ध तरीके से आरोपियों को पकड़कर सलाखों के पीछे भेजे।
बकौल सुक्खू ने कहा कि सवाल यह भी उठता है कि विधानसभा की सुरक्षा व्यवस्था में चूक कहां हुई, क्या पुलिस मुस्तैद नहीं थी। झंडे लगाने वाले विधानसभा परिसर तक पहुंच गए और सुरक्षा एजेंसियों को भनक तक नहीं लगी, इसे क्या समझा जाए। खालिस्तान समर्थकों की धमकी के बावजूद सरकार का चैन की नींद सोए रहना उसकी कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।
सुक्खू ने कहा कि इससे यही प्रतीत होता है कि हिमाचल में अब तक कि सबसे कमजोर सरकार है। जो सरकार प्रदेश की रक्षा न कर सके, उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं। सुरक्षा व्यवस्था में चूक के लिए जिम्मेदार लोगों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए।
पेपर लीक पर कसा तंज, मैं ही चोर और मैं ही कोतवाल
सुखविंदर सुक्खू ने पुलिस भर्ती के पेपर लीक पर भाजपा सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में स्थिति “मैं ही चोर और मैं ही कोतवाल” वाली है। यह पेपर पुलिस के पास से लीक हुआ और अब उसकी जांच भी पुलिस ही करेगी। इससे साफ हो गया है कि सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। सरकार का कण-कण भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। पेपर लीक की जांच सीबीआई या हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराई जानी चाहिए। इससे दूध का दूध और पानी का पानी होगा। इस मामले में संलिप्त बड़े लोग भी बेनकाब होंगे।