गाड़ी खरीदते माइलेज की चिंता करना छोड़ दें क्योंकि वाहन निर्माता कंपनियों को विज्ञापन दिखाने में अब और भी ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत पड़ेगी। अब ऐड में जितनी माइलेज दिखाई जाएगी अगर उतनी नहीं हुई तो ऑटोमोबाइल कंपनियों को इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा।
बहुत बार ऐसा भी हुआ होगा कि आपने गाड़ी के प्रचार में जितने माइलेज का सुना होगा उतना आपकी गाड़ी ने कभी दिया ही न हो, लेकिन अगर अब ऐसा होता है तो गाड़ी बनाने वाली कंपनी की खैर नहीं है। गुजरात के अहमदाबाद में कंज्यूमर कोर्ट ने बाइक निर्माता कंपनी के खिलाफ इस बारे में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि कंपनी को वाहन में सुधार कर उसे विज्ञापन में दिए गए माइलेज देने में सक्षम बनाना होगा।
इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि निर्माता कंपनी वीइकल के माइलेज को लेकर जो भी वादा करे, उसे वह पूरा करना होगा। कोर्ट ने कंपनी को कहा है कि अगर बाइक रिपेयर होने के बाद भी 62 किमी का माइलेज देने में अक्षम है, तो ग्राहक को उसके पैसे रिफंड किए जाएं। कंपनी को ग्राहक को हर्जाने के तौर पर 10,000 रुपये अतिरिक्त अदा करने को कहा गया है।
दरअसल राजकोट के रहने वाले एक वरिष्ठ नागरिक ने सितंबर 2014 में TVS Jupiter खरीदा था। कंपनी ने स्कूटर बेचते समय बताया था कि इसका माइलेज 62 किमी/लीटर है, लेकिन ग्राहक का कहना है कि स्कूटर ने कभी इतना माइलेज दिया ही नहीं। उन्होंने बताया कि कई बार सर्विस करने के बाद भी स्कूटर ने 62 किमी/लीटर का माइलेज कभी नहीं दिया। इसके बाद ग्राहक ने राजकोट कंज्यूमर कोर्ट में बाइक निर्माता कंपनी के खिलाफ केस कराया और स्कूटर के पूरे पैसे व 54 हजार रुपये पेट्रोल खर्च भी वापस मांगा है।