संसद ने बुधवार को एक बिल पास किया, जिसके तहत केंद्रीय शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए आरक्षण प्रदान करते हुए विश्वविद्यालयों या कॉलेजों को विभाग के बजाय एक इकाई के रूप में माना जा सकता है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि केंद्रीय शैक्षिक संस्थानों (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) विधेयक 2019 के पारित होने से केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 7,000 से अधिक रिक्त पदों को भरने में मदद मिलेगी।
पोखरियाल ने कहा कि इस बिल के जरिये 41 केंद्रीय शिक्षा संस्थानों के शिक्षक संवर्ग में एससी, एसटी, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से संबंधित व्यक्तियों की सीधी भर्ती में आरक्षण दिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इस बिल में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिये 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है और इसके लिये सरकार ने पहले ही 770 करोड़ एलोकेशन को मंजूरी दे दी है। यह बिल देश के शिक्षा के सेक्टर में महत्वपूर्ण सुधार करेगा।