एनआईटी हमीरपुर में इमर्जिंग एस्पेक्ट्स ऑफ मैन्युफैक्चरिंग थर्मल एंड डिजाइन इंजीनियरिंग विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आगाज बुधवार यानि आज हुआ .
ग्रीन हाइड्रोजन यूज हीट ट्रांसफर माइक्रोचैनल और बायोमेडिकल में 3D प्रिंटिंग के इस्तेमाल सहित अन्य विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत होंगे. इस तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में भारत के साथ ही विदेशों के भी शोधार्थी इस विषय पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे.
एनआईटी हमीरपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के द्वारा इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस की मेजबानी की जा रही है. कांफ्रेंस के शुभारंभ पर बुधवार को मुख्य अतिथि एसजेवीएन कार्यकारी निदेशक सलिल शमशेरी विशेष रूप से मौजूद रहे.
एनआईटी हमीरपुर के निदेशक प्रोफेसर हीरालाल एम. सूर्यवंशी ने सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिभागी देश और विदेश से हैं जोकि एनआईटी, आईआईटी सहित बहुत प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़े हुए हैं.
इस विषय से जुड़े विभिन्न विचारों और विषयों को 132 से अधिक शोध पत्र के माध्यम से शोधार्थियों ने प्रस्तुत किया. 108 प्रतिभागी इन शोध पत्र को प्रस्तुत करेंगे। डीन फैकल्टी वेलफेयर, डॉ. अनूप कुमार ने कहा, इस तरह के आयोजन और सम्मेलन तकनीकी संस्थानों में युवा दिमाग में वैज्ञानिक स्वभाव को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है.
इसके अलावा कांफ्रेंस के जरिए देश भर और बाहर के शोधकर्ताओं को एक मंच प्रदान करना भी इसका मुख्य लक्ष्य है। इस सम्मेलन के तीन मुख्य वक्ता हैं। जिनमें से एक ऑफलाइन है और बाकी वर्चुअल माध्यम से कॉन्फ्रेंस में जुड़ेंगे.
ब्रूनेल यूनिवर्सिटी लंदन के प्रोफेसर ने जीरो कार्बन प्रौद्योगिकी पर रखी बात
प्रो. विशाल एस. शर्मा ने एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के बारे में और देवराज जाटव ने एफएमसीजी/कॉस्मेटिक उद्योग में इंजीनियरिंग संचालित गुणवत्ता वाले उत्पादों के बारे में बात की.
ब्रुनेल यूनिवर्सिटी लंदन के प्रो. हरजीत सिंह ने शून्य कार्बन प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित सामाजिक प्रभाव के बारे में बात की. गौरतलब है कि इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में पेश किए जाने वाले इन के सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र को अमेरिकन इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिक्स के प्रकाशन में भी जगह मिलेगी.
अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में मुख्य वक्ता के संबोधन के बाद सुनंद कुमार और डॉ. दिलशाद अहमद खान की अध्यक्षता में विनिर्माण के क्षेत्र से संबंधित एक पेपर प्रस्तुति हुई, जिसके बाद प्रोफेसर अनूप कुमार और डॉ. वरुण की अध्यक्षता इंजीनियरिंग के क्षेत्र में पेपर प्रस्तुत किए गए.
मैकेनिकल विभाग के अध्यक्ष एसआर चौहान ने कहा कि तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आगाज हुआ है. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन माध्यम से भी शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे. इसके अलावा ऑफलाइन भी शोध पत्र प्रस्तुत किए जा रहे हैं.