सीबीआई ने लॉकअप हत्याकांड में गिरफ्तार 8 आरोपी पुलिस कर्मचारियों के वॉयस सैंपल फारेंसिक लैब जुन्गा में ले लिए हैं। सीबीआई की एक्सपर्ट टीम ने आरोपियों के वायस सैंपल लेकर गुरूवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गई। सीबीआई के दिल्ली स्थित फारेंसिक लैब में अब आरोपियों के लिए गए वायस सैंपल का मिलान सीबीआई के हाथ लगी संदिग्ध ऑडियो क्लिप की बातचीत के अंश से किया जाएगा तथा अगर वायस सैंपल के अंश ऑडियो क्लिप से मैच हो गए, तो हिरासत में लिए गए पुलिस कर्मियों की मुसीबतें बढ सकती हैं।
एक्सपर्ट द्वारा फारेंसिक लैब जुन्गा में सीबीआई हिरासत में चल रहे 8 पुलिस आरोपियों के वायस सैंपल लेने की प्रक्रिया बीते बुधवार को शुरू हुई थी।
इस बीच सीबीआई ने शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी के वायस सैंपल नहीं लिए है। सीबीआई द्वारा 16 नवंबर को डीडब्ल्यू नेगी को गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई सूत्रों की माने तो सीबीआई के हाथ जो संदिग्धों की बातचीत के अंश लगे हैं। उसमें डीडब्ल्यू नेगी सीबीआई के शक के दायरे से बाहर है ।
ऐसे में सीबीआई ने डीडब्ल्यू नेगी के वायस सैंपल लेना जरूरी नहीं समझा। डीडब्ल्यू नेगी उच्च न्यायालय में भी ब्रेन मैपिंग करवाने के लिए याचिका दे चुके हैं। गौरतलब है कि लॉकअप केस में आरोपी पुलिस वालों की संदिग्ध बातचीत के कुछ अंश सीबीआई के हाथ लगे हैं, जिनकी पुष्टि करने के लिए जांच एजैंसी आरोपियों के आवाज के नमूने लेकर तथ्यों को पुष्ट करना चाहती है।
सीबीआई ने बीते वर्ष 29 अगस्त को पूर्व आईजी जहूर एच.जैदी, पूर्व डीएसपी मनोज जोशी समेत आठ पुलिस कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। जबकि गुडिया प्रकरण के दौरान जिला शिमला के एसपी रहे डीडब्ल्यू नेगी को 16 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था।