पांवटा साहिब में एक स्टोन क्रशर के निरीक्षण रिपोर्ट पर एसडीएम के हस्ताक्षर करवाने को लेकर 1 लाख रुपए की राशी मांगी गई। इसी को लेकर स्टेट विजीलेंस और एंटी क्रप्शन ब्यूरो की टीम ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। एक दलाल को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है, जबकि दूसरे दलाल को भी पांवटा साहिब से ही अरेस्ट किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक पांवटा साहिब में जैसे ही एक दलाल को 1 लाख रूपये की घूंस दी गई तो इसकी सूचना चंडीगढ़ में मौजूद तकनीकी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के पद पर तैनात एसएच राणा को दी गई। वहां शिकायतकर्ता फाइल सहित पहले से ही मौजूद था। अधिकारी को इस बात की मामूली सी भी भनक नहीं लगी कि विजीलेंस ने जाल बुन रखा है। अधिकारी ने जैसे ही फाइल पर साइन किए तो उन्हें भी पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया।
मामला, दिसंबर 2017 से पहले शुरू हुआ। उस समय पांवटा साहिब के एसडीएम के पद पर एचएस राणा तैनात थे। विनायक स्टोन क्रशर की निरीक्षण रिपोर्ट पर कमेटी के तमाम सदस्यों के हस्ताक्षर हो गए, लेकिन एसडीएम के स्तर पर इसे पैंडिंग रखा गया। सूत्रों के मुताबिक एसडीएम ने विनायक स्टोन क्रशर प्रबंधक को शुलभ अग्रवाल नाम के व्यक्ति से संपर्क करने को कहा। इस पर 1 लाख रुपए की डिमांड हुई। इसी बीच शुलभ अग्रवाल ने शिकायतकर्ता से रितेश बंसल को आज एक लाख रुपए देने को कहा।
सूत्रों के मुताबिक हरियाणा के जींद का रहने वाला शिकायतकर्ता खुद चंडीगढ़ में था। जबकि उसने एक लाख रुपए की राशी अन्य व्यक्ति से दलाल रितेश बंसल को दी।
उधर एसपी स्टेट विजीलेंस व एंटी क्रप्शन ब्यूरो मंडी एके चौधरी ने पुष्टि करते हुए कहा कि दो दलालों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि चूंकि अधिकारी हमीरपुर में तैनात है, लिहाजा हमीरपुर में ही मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी को लेकर टीम वापस आ रही है। एसपी के मुताबिक पांवटा साहिब से गिरफतार दो व्यक्तियों को भी हमीरपुर लाया जाएगा।