शिमला जिला के कोटखाई के बाबा शिव नारायण पुरी हत्या मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है. नारायण पुरी के अपहरण और हत्या की शाजिश उन्हीं के अनुयायी रविंद्र आत्मामंद ने ही रची थी जो कि पिछले 15 सालों से बाबा के साथ ही रहता था. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बाबा के खाते से 10 लाख रूपये निकाले गए हैं. इसमें से 6 लाख रुपयों की राशि बराबद कर ली गई है. एटीएम विड्रॉल, सीसीटीवी फुटेज से मिली लीड से पुलिस आरोपितों तक पहुंची. पुलिस ने अहरण व हत्या करने के मामले में कुल तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है.
एसपी शिमला मोनिका भटुंगरू ने प्रेसवार्ता के दौरान इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यह बलाइंड मर्डर था. 6 जून को आश्रम की तरफ से बाबा के लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई गई. 11 जून को इस मामले में अपहरण का मामला दर्ज किया गया. एसपी ने कहा कि मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया. इंस्पेक्टर मनोज की अगुवाई में इस टीम ने मामले की जांच शुरू की. इसमें साइबर एक्सपर्ट और कोटखाई थाने के एसएचओ सहित कुल 10 लोग शामिल किए गए थे. उन्होंने बताया कि पुलिस ने 27 जून को पुलिस ने शिमला व सिरमौर जिला की सीमा पर स्थित कुरू लवाना गांव से शव को बरामद किया था.
पुलिस ने इस मामले में 25 जून को पहली गिरफ्तारी की थी. हत्या के आरोपित को बसन बिगहा मोड़ स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपी धर्मेन्द्र सिंह नबीनगर के मिसिर बिगहा गांव का रहने वाला है. इससे पूछताछ के आधार पर पुलिस ने दो अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया. इसमें भूपेंद्र नाम का आरोपित को बोधगया का रहने वाला है. इसे पुलिस ने तिरुवंतपुरम तमिलनाडू से गिरफ्तार किया. यह बिहार से भाग कर वहां छुपा हुआ था. जबकि रविंद्र उर्फ आत्मानंद पुरी को बरेली से गिरफ्तार किया है. अपहरण के लिए इस्तेमाल की गई गाड़ी को चंडीगढ़ से पुलिस ने रिकवर कर लिया गया है.