<p>प्रदेश हाईकोर्ट ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की गलत नियुक्ति से जुड़े एक मामले में झूठी वार्षिक आय रिपोर्ट देने वाले हल्का पटवारी और नायब तहसीलदार के खिलाफ जांच करने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने प्रार्थी सुनीता की याचिका को 25000 रुपये कॉस्ट सहित खारिज कर दिया है। कॉस्ट की राशि निजी तौर पर प्रतिवादी बनाई शिकायतकर्ता को देने के आदेश जारी किए गए हैं।</p>
<p>कोर्ट ने पाया कि प्रार्थी ने झूठी रिपोर्ट के आधार पर आंगनबाड़ी केंद्र देवथाना में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर वर्ष 2007 में नौकरी हासिल की। जबकि उसकी वार्षिक आय 12000 से अधिक थी।</p>
<p>कोर्ट ने पाया कि प्रार्थी का पति होमगार्ड में नौकरी कर रहा था और वह वर्ष 2006-2007 में प्रतिमाह 6300 रुपये ले रहा था। न्यायालय ने यह भी पाया कि हल्का पटवारी और नायब तहसीलदार ने झूठी रिपोर्ट बनाकर प्रार्थी सुनीता की सहायता की। इस कारण साक्षात्कार के लिए आई दूसरी उम्मीदवार शिकायतकर्ता को पात्रता होते हुए भी नौकरी से वंचित होना पड़ा।</p>
<p>कोर्ट ने जिलाधीश सिरमौर को आदेश जारी किए हैं कि वह पटवारी हल्का देवीमानल और नोहरा के तत्कालीन नायब तहसीलदार के खिलाफ जांच करने के बाद 10 जनवरी 2020 तक रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष दाखिल करें।</p>
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