गुड़िया केस से जुड़े पुलिस लॉकअप हत्याकांड मामले में न्यायिक हिरासत में चल रहे आईजी जहूर जैदी सहित 9 पुलिस कर्मियों की न्यायिक हिरासत 21 अप्रैल तक बढ़ गई है। इसके अलावा शिमला के पूर्व एसपी डी डब्ल्यू नेगी की प्रॉसीक्यूशन रिपोर्ट जो दिल्ली से आनी बाकी थीं आ चुकी है। मामले की सुनवाई जिला अदालत चक्कर में सीजेएम के समक्ष हुई।
ये है मामला
सूरज की हत्या के मामले में 19 जुलाई, 2017 को कोटखाई थाने में आईपीसी की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में आईजी जहूर जैदी, डीएसपी मनोज जोशी, कोटखाई थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह, एएसआई दीपचंद, तीन हैड कांस्टेबल सूरत सिंह, मोहन लाल, रसिक मोहम्मद और कांस्टेबल रंजीत को गिरफ्तार किया था।
सीबीआई का आरोप है कि सूरज हत्याकांड को पुलिस कर्मियों ने ही अंजाम दिया और इस मामले की जांच को बनाई गई एसआईटी के प्रमुख आईजी जैदी ने न केवल असलियत को छिपाने में अहम भूमिका निभाई बल्कि हत्या का इलजाम एक-दूसरे पर थोप दिया।