प्रदेश के जिला कुल्लू मनीकर्ण में विशाल नामक नेपाली युवक बरशैणी से लापता है. सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत बरशैणी पहुंची. जहां दल बहादुर नामक नेपाली ने बताया कि बरशैणी से थोड़ा नीचे बुहचू नामक स्थान पर विशाल तथा दल बहादुर के साथ दो नेपाली मूल के व्यक्तियों ने मारपीट की तथा दल बहादुर को सिर पर पत्थर की चोट मारकर सड़क से नीचे फैंक दिया था.
लेकिन उसके बाद से विशाल के बारे में कोई पता नहीं चला है. पुलिस ने त्वरत कार्यवाही करते हुए बरशैणी से थोड़ा नीचे बुहचू नामक स्थान पर मौका पर विशाल की तलाश की. तो झाड़ियों के साथ ही निचली तरफ खुदी हुई जमीन दिखाई दी. जिसके ऊपर से पत्ते पड़े हुए थे.
जब मिट्टी को थोड़ा सा हटाया तो खून से सन्ना हुआ. पत्थर तथा कपड़ा दिखाई दिया. जो विशाल के दोस्त राजेन्द्र धर्ती ने यह कपड़ा विशाल का पहचाना. इसके उपरान्त पुलिस ने फोन करके इसकी सूचना S.D.M कुल्लू को दी.
कुछ समय बाद नायब तहसीलदार जरी मौका पर आये तथा खोदी हुई जगह से मिट्टी को हटाया. तो मिट्टी के नीचे से एक शव को निकाला. जिसके सिर में चोट के निशान थे तथा चेहरे पर खून लगा हुआ था.
शव की पहचान निर्मल कुमार ने अपने भाई विशाल के रुप में की. जिन नेपाली व्यक्तियों ने विशाल तथा दल बहादुर के साथ दिनांक 28-11-2022 की रात को मारपीट की थी. उनमें से एक का नाम देविन्द्र पाया गया. लेकिन दूसरे का नाम किसी को भी मालूम नहीं था.
देविन्द्र के ससुराल गांव नकथान में जाकर उसकी तलाश की गई. लेकिन वह अपनी पत्नी व बच्चे सहित घर से गायब था. कुल्लू पुलिस ने किसी तरह देविन्द्र तथा दूसरे नेपाली व्यक्ति के फोटो हासिल करके सभी जिलों की पुलिस तथा हिमाचल प्रदेश के साथ लगते अन्य राज्यों में देवेन्द्र का फोटो भेजकर जगह- जगह नाकबंदी करवाई.
राज्य स्तर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में तैनात निरीक्षक सुनील कुमार ने भी इस मामले में कुल्लू पुलिस की मदद की है. दोनो आरोपियों को हरियाणा पुलिस की मदद से कुरूक्षेत्र से काबू करके कुल्लू लाया गया है.
दोनो आरोपियों के नाम देवेन्द्र छन्तयाल तथा सत्यप्रकाश पुनमगर निवासी नेपाल पाए गए हैं. दोनो से पूछताछ करने पर पाया गया कि दिनांक 28-11-2022 की रात को बरशैणी से थोड़ा नीचे बुहचू नामक स्थान पर इन दोनो ने विशाल तथा दल बहादुर के साथ मिलकर शराब का सेवन किया था.
जिसके बाद इनका आपस में लड़ाई-झगड़ा हो गया. इन दोनो ने मारपीट के दौरान दल बहादुर को सड़क से नीचे गिरा दिया तथा विशाल को जान से खत्म करके झाड़ियों में फैंक दिया. उसके बाद इन दोनों ने उसी रात को ही जमीन खोदकर विशाल के शव को मिट्टी के नीचे दबा दिया था. ताकि किसी को भी इस बारे में पता ना चल सके.
अगले दिन जब दल बहादुर अपने साथियों सहित विशाल को ढूंढते हुए इनके कमरे के पास आया तो उसके बाद ये बहुत डर गए तथा रात को ही देविन्द्र की पत्नी व बच्ची सहित पैदल मनीकर्ण तक आए. मनीकर्ण से टैक्सी करके भूंतर तक आए .
भूंतर से एक अन्य किराए की गाड़ी में खरड़ तक गए. खरड़ से कोई अन्य गाड़ी में दिल्ली के लिए जा रहे थे. जो दोनों आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है. वारदात की सूचना मिलने के 12 घण्टें के भीतर ही आरोपियों को कुल्लू पुलिस द्वारा काबू कर लिया गया है.