जिला मंडी के करसोग के जंगल में मृत पाए गए वनरक्षक होशियार सिंह का मामला अभी सुलझ भी नहीं पाया है कि एक और फोरेस्ट गार्ड रहस्यमय ढंग से गायब हुआ था। मंडी के बड़ा देव कमरूनाग में जातर में शामिल होने गए बल्ह के टोला गांव के रहने वाले वनरक्षक मोहन लाल 29 सितंबर से लापता हैं। दो माह होने को है लेकिन मोहन लाल का अभी तक कोई पता नही चल पाया है।
पुलिस के साथ एसडीआरएफ, वन विभाग, प्रशानिक अधिकारी और देवता कमेटी समेत कई लोगों ने कमरूघाटी में मोहन लाल को ढूंढने की कोशिश की, मगर कामयाबी नहीं मिली। बताया जा रहा है कि मोहन लाल के मोबाइल की आखिरी लोकेशन घीडी टावर से मिली थी। इसके बाद से उनका फोन स्विच ऑफ है। लोकेशन के आधार पर उनका पता लगाने की कोशिश की गयी। यह भी पता लगाया जा रहा है कि आखिरी बार उनकी बात किससे हुई।
प्रशासन पिता को ढूंढने में नाकाम:
वनरक्षक के बेटे घनश्याम का कहना है कि प्रशासन उनके पिता को ढूंढने में नाकाम रहा है, कमरूनाग से वापसी पर जो लोग उसके पिता के साथ थे, अगर उनसे पुलिस सख्ती ये पूछताछ करेगी तो वे लोग कुछ बता सकते हैं। उनके साथ आए चार-पांच लोगों के व्यवहार से शक हो रहा है कि कहीं उनके पिता के साथ कुछ अनहोनी तो नहीं हुई हो।
उन्होंने कहा कि जब सभी साथ-साथ चल रहे थे तो कैसे केवल एक ही आदमी रास्ता भटक सकता है। बाद में साथ चलने वालों ने सड़क पर पहुंचने पर सभी को क्यों नहीं बताया। बेटे ने शक जाहिर किया है कि कहीं उनकी हत्या न कर दी गई हो।
परिजनों का परेशान होना इसलिए भी लाजिमी है, क्योंकि वनरक्षक होशियार पहले अचानक लापता हो गया था और उसके कुछ दिनों बाद उसका शव पेड़ से उल्टा लटका मिला था। पहले हत्या और फिर आत्महत्या का केस दर्द करने को लेकर पुलिस की आलोचना हुई थी। प्रदेश सरकार ने कई जांच टीमें बदली थीं, जिससे लोगों मे गुस्सा था। मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है मगर हाई कोर्ट ने इसका आदेश दिया है।
लेकिन, अभी तक होशियार सिंह की मौत एक पहेली बनी हुई है। ऐसे में मोहन लाल के परिजनों को अब भी उनके घर लौटने का इंतज़ार है। हमने इस मामले में सुंदरनगर कॉलोनी थाना में संपर्क किया लेकिन फ़ोन किसी ने नही उठाया उसके बाद एसपी ऑफिस मंडी बात हुई जहां पर ये जरूर बताया गया कि अभी तक मोहन लाल का कोई सुराग नहीं लग पाया है। बाकी जानकारी थाने से लग पाएगी। हमने थाना प्रभारी का मोबाइल नंबर भी लिया लेकिन कल से उनका नंबर भी बंद चल रहा है।