<p>हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) शिमला में लाखों रुपये का घोटाला सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक महालेखाकार कार्यालय शिमला की टीम दो हफ्ते से विवि के अंतरराष्ट्रीय दूरवर्ती शिक्षा एवं मुक्त अध्ययन केंद्र (ICDEOL) में ऑडिट कर रही है। इस टीम को इक्डोल में प्रॉस्पेक्ट्स बिक्री मामले में लाखों रुपये के हेरफेर के कई सुबूत मिले हैं।</p>
<p>ऑडिट में टीम को पता चला कि इक्डोल में पिछले काफी सालों से घोटाला हो रहा है। जानकारी के अनुसार एक व्यक्ति पिछले कई सालों से प्रोस्पेक्टस की बिक्री का कार्य करता आ रहा है और इसी कर्मचारी के पास इसका सारा रिकॉर्ड होता है। लेकिन कर्मचारी ने सालों से लाखों रुपये की पेमैंट विश्वविद्यालय के खाते में जमा नहीं करवाई है।</p>
<p>जांच में सामने आया कि हर साल प्रोस्पेक्टस की बिक्री अधिक हुई, जबिक खाते में पैसे कम जमा हुए हैं। बताया जा रहा है कि यह गड़बड़ी कई वर्षों से हो रही थी लेकिन इसका पता किसी को नहीं लगा। जब ऑडिट टीम ने रिकॉर्ड कब्जे में लेकर जांच शुरू की तो इसका खुलासा हुआ। सूत्रों के अनुसार इक्डोल का यह घाटा 80 लाख रुपए के आसपास पहुंच गया है। उक्त कर्मचारी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है और वह पैस लोटाने को भी तैयार है। वहीं विवि प्रशासन इस मामले में ऑडिट रिपोर्ट आने का तर्क देकर पल्ला झाड़ रहा है। अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता पर संदेह है।</p>
<p>वहीं इस मामले में निदेशक प्रो. कुलबंत पठानिया ने बताया कि इक्डोल में एक कर्मचारी द्वारा पैसों की गड़बड़ी का मामला सामने आया है अभी ऑडीट जारी है। जांच टीम को सारा रिकॉर्ड उपलब्ध करवा दिया गया है।</p>
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