उपमंडल अंब के तहत संघनई में भतीजे की मारपीट से घायल चाचा की मौत को लेकर परिजनों में खासा रोष है। पिछले 5 दिनों से पीजीआई में जिदंगी और मौत की जंग लड़े रहे चाचा रूकमदीन की मौत हो गई। वहीं भतीजे की गिरफ्तारी न होने को लेकर परिजनों ने मिनी सचिवालय ऊना के पास शव को सड़क पर रखकर करीब 20 मिनट तक धर्मशाला-चंडीगढ़ मार्ग बंद कर दिया। गुस्साए परिजनों ने भतीजे की तुरंत गिरफ्तारी की मांग उठाई है। काफी देर तक चले प्रदर्शन के बाद पुलिस चौकी इंचार्ज और थाना प्रभारी ऊना सर्वजीत सिंह मौके पर पहुंचे। थाना प्रभारी ऊना के आश्ववासन के बाद जाम खोला गया।
गौरतलब है कि 2 दिसंबर की रात को रूकमदीन अपने भतीजे सुल्लतान अली के बन रहे मकान में गया हुआ था। जहां पर दोनों में किसी बात को लेकर बहस हो गई। सुल्लतान अली की पत्नी जायना बीबी का कहना है कि इस रात बहस के बाद भतीजे सुल्लतान अली और सुल्लतान का साला हसीन मोहम्मद ने मिलकर रूकमदीन पर लहुलूहान कर दिया। घायल अवस्था में रूकमदीन को ऊना अस्पताल के बाद पीजीआई में उपचार करवाया गया, जहां पर शुक्रवार रात को मौत हो गई।
मृतक की पत्नी ने बताया कि सुल्लतान अल्ली फौज में नौकरी करता है, जो कि मारपीट के कुछ दिन बाद ही डियूटी पर चला गया। मारपीट के मामले को लेकर मृतक के दामाद सलाम दीन ने पुसिल को शिकायत भी दर्ज करवाई थी, लेकिन पुलिस ने अभी तक सुल्लतान अली को गिरफ्तार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने सिर्फ हसीन मोहम्मद को पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया है, जबकि मारपीट में सुल्लतान अली शामिल था।
शुक्रवार रात पीजीआई में हुई मौत के बाद गुस्साएं परिजनों ने मिनी सचिवालय ऊना के पास शव सड़क पर रख करीब 20 मिनट तक जाम लगाया। परिजनों की मांग है कि मामले में भतीजे सुल्लतान अली को भी गिरफ्तार किया है। परिजनों ने अंब पुलिस की कार्रवाई पर भी असंतोष व्यक्त किया।