<p>शिमला के आईजीएमसी अस्पताल की लैब में राजधानी से विभिन्न जगहों से लिए गए पानी के 11 सैंपल फेल हो गए हैं। जिसमें से कि चार बड़े वाटर टैंक में दिमागी बुखार देने वाला बैक्टीरिया पाया गया है। बता दें कि शहर में हर तीसरे दिन निगम वाटर स्टोरेज टैंकों से पानी के सैंपल ले रहा है। जिसमें कि अधिकतर सैंपल फेल हो रहे हैं।</p>
<p>वहीं, आईजीएमसी माइक्रो बायो लैब से मिली रिपोर्ट के मुताबिक 14 से 17 जुलाई तक लिए गए नगर निगम शिमला के पानी के करीब 11 सैंपल फेल हुए हैं। जिसमें नाभा, अश्विनी खड्ड ट्यूबवैल-2, संजौली रेंजवायर और नार्थ ऑक टैंक में साइट्रोबैक्टर बैक्टीरिया पाया गया है।</p>
<p>इसके अलावा पांच अन्य जगह पब्लिक टैप तिब्ब्तीयन कॉलोनी नाभा, फागली टैंक, ट्यूबवैल अश्विनी खड्ड के चार, हैंडपंप चलौंठी और चलौंठी बावड़ी के सैंपल भी फेल हुए हैं। बता दें कि नगर निगम के मुताबिक बरसात के दौरान पेयजल स्रोतों में बारिश के गंदे पानी के मिलने से सैंपल फेल होने की समस्या आ रही है। वहीं, जानकारों का कहना है कि पेयजल में पाए गए बैक्टीरिया बच्चों में दिमागी बुखार, मिर्गी का दौरा व अन्य कई तरह की न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का कारण बन सकता है। जिससे शहर की आम जनता को भुगतना पड़ सकता है।</p>
<p>म्यूनिसिपल इंजीनियर विजय गुप्ता ने कहा कि आईजीएसमी की माइक्रो बायो लैब की रिपोर्ट में पानी के सैंपल फेल हुए हैं। जिसके चलते नगर निगम ने लोगों को अलर्ट जारी किया है कि वह पानी को उबाल कर ही पियें।</p>
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