हिमाचल

मंडी में प्रलय जैसी स्थिति, एक ही दिन में 19 लोगों के मौत कई लापता

इतिहास में सबसे अधिक प्रलयकारी बारिश सोमवार  को उस समय देखने को मिली जब एक ही दिन में जमीदोंज हुए मकानों में कई जिंदा दफन हो गए।  19 लोगों के मौत का शिकार हो जाने की आशंका है जबकि कई लापता है। पिछले 80 घंटांे से लगातार हो रही बारिश ने जिले में प्रलय जैसे हालात पैदा कर दिए। आपदा प्रबंधन के सभी इंतजाम कुदरती कहर के आगे बौने साबित हुए।

मंडी जिले के दं्रग विधानसभा क्षेत्र के उतरसाल इलाका में सेगली बंबोला पंचायत के गांव चलाहर में एक मकान गिरने से परिवार के सभी सातों लोग दब गए। उनके शव निकाल लिए गए हैं। मंडी के पास स्कोर खोबला गांव में बाढ़ के पानी से मकान को बचाने में लगी 50 साल की कागदू पत्नी अमर चंद तेज बहाव में बह गई। मझवाड़ गांव में मकान के ढह जाने से तीन लोगों के दब कर मौत का शिकार हो जाने की सूचना है।

धर्मपुर क्षेत्र की तनिहार पंचायत के पूर्व प्रधान प्रभाष राणा गांव में एक परिवार को बचाते हुए घायल हो गए और रास्ते बंद होने से समय पर अस्पताल न पहुंच पाने से मौत का शिकार हो गए। निहरी क्षेत्र में दो लोगों के जिंदा दफन हो जाने का समाचार है। बल्ह घाटी के गांव मलवाणा में 26 साल के अक्षु की मकान के नीचे दब जाने से मौत हो गई।

मंडी पंडोह मार्ग पर आठ मील में 3 मजदूर उपर से आए मलबे के साथ बह गए।  पूरे जिले में अभी तक 19 लोगों के सोमवार को दब या बह जाने से मौत हो जाने की खबर है। अभी यह संख्या बढ़ सकती है क्योंकि पूरे जिला का संपर्क कटा हुआ है। बिजली के पोल ढह गए हैं, लाइनें टूट गई हैं, मोबाइल नेटवर्क भी ध्वस्त हो गया है। ऐसे में लोग घरों में ही कैद होकर रह गए हैं। जिले में कई जगह बादल फटने से बड़ी तबाही हुई है। सांबल पंडोह में फटे बादल ने कई घर, खेत, गोशालाएं अपनी चपेट में लेकर तबाह कर दी हैं।

नगर निगम मंडी के वार्ड नंबर 4 शिल्हाकीपड़ में बादल फटने से कई घरों व संपति को नुकसान हुआ है। सुंदरनगर के हराबाग में भी बादल फटा। पराशर रोड़ के बागी में बना पक्का नया पुल  उपर बादल फटने से आई बाढ़ में बह गया। इलाके में घूमने गए सैंकड़ों पर्यटक इस कारण से फंस गए हैं। यहां तबाही का भयंकर मंजर बना हुआ है। कोठी गैहरी में आए ल्हासे से वीरेंद्र भारद्वाज का नया मकान जिसकी प्रतिष्ठा दो दिन पहले ही हुई थी, पूरे घरेलु सामान के साथ  जमींदोज हो गया । लाखों का नुकसान इससे हुआ हैं।

दं्रग के इलाका बदार में शिवा थट्टा को गई एचआरटीसी की बस एच पी 65- 0139 उपर से ल्हासा आने पर मलबे के साथ ही बह गई। चालक परिचालक सुरक्षित बताए गए हैं। सोमवार को सुकेती खड्ड एक बार फिर से रिकार्ड स्तर पर होकर उफनी और फिर से इसने लगातार तीसरे दिन भी बल्ह घाटी को जल मग्न कर दिया। सुकेती खड्ड में बहते आए पशु, घरों का सामान, उद्योगों की मशीनें, बड़े बड़े पेड़ व दुकानों में बिक्री होने वाला सामान इस बात का गवाह रहा कि ऐसी तबाही इससे पहले शायद ही कभी हुई हो।

मंडी शहर के लोगों की परेशानी जो बिजली के गुल होने व मोबाइल सेवा के ठप होने से पहले ही ज्यादा थी को जगह जगह आए ल्हासों ने और बढ़ा दिया। शहर के विश्वकर्मा चौक पर उपर से पहाड़ी दरक कर अपने साथ इतना मलबा लाई कि रामनगर समेत कई इलाकों के लोग कट गए। यहां तेजी से हो रहे भूसख्लन से उपर के एक दर्जन मकान असुरक्षित हो गए। उन्हें खाली करवा लिया गया। अपने शहर में लोगों को मीलों चक्कर काट कर दूसरी जगह पहुंचना पड़ रहा है। शहर से होकर गुजर रहा बाईपास भी जगह जगह ल्हासे गिरने से बंद हो गया।

सन्यारड़ी सर्कट हाउस होकर जाने वाली सड़क भी बंद हो गई। ल्हासों के नीचे कई कारें दब गई। माहूनाग मार्ग भी बंद रहा। जिससे लोग अपने घरों तक सीमित हो गए। टारना हिल्स पर स्थित सेशन हाउस भी जमीन धसने से खतरे में है। जवाहरनगर में आइआइटी कमांद को जाने वाली सड़क के पास उपर से बड़ा ल्हासा आ जाने से मार्ग बंद हो गया। कांगणी सब्जी मंडी व गागल की ओर जाने वाली सड़क भी बंद हो गई। अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता नेगी ने इसे अभूतपूर्व आपदा करार देते हुए लोगों से अपने घरों में बने रहने का आग्रह किया है। बल्ह घाटी के नागचला में सड़क पर कई कई फीट पानी जमा हो जाने से यातायात बाधित हो गया।

मंडी मनाली, मंडी पठानकोट, मंडी हमीरपुर, जंजैहली, चैलचौक, करसोग, कोटली समेत सभी मार्ग सोमवार को बंद रहे। हालात इतने भयंकर हो गए हैं कि इन सड़कों को सुधारने में महीनों समय के साथ करोड़ों अरबों का बजट लग जाएगा। बारिश के लगातार जारी रहने से राहत कार्य भी नहीं हो पाए। उपर से पत्थर मलबा लगातार गिरने रहने के चलते जेसीबी मशीनें भी काम नहीं कर पाए व रास्तों को खोला नहीं जा सका।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का सोमवार को मंडी का कार्यक्रम था। आपदा प्रबंधन पर बड़ी बैठक संस्कृति सदन में बुलाई गई थी। खराब मौसम व प्रदेश में सोमवार को आई भयंकर आफत के चलते मुख्यमंत्री का मंडी का दौरा रद्द हो गया। मंगलवार को उन्हें कुल्लू के सासे बाहंग में राज्य स्तरीय स्वाधीनता दिवस समारोह में भाग लेना है। ऐसे में अब उनका कार्यक्रम सीधा कुल्लू का ही रहेगा।

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