हिमाचल के बागवानों के 20 करोड़ रुपये की राशि आढ़तियों व लदानियों के पास लंबित है. बागवानों के लेनदरियों से 146 अभियोग दर्ज किए हैं. जिनमें से 110 अभियोग न्यायालयों में जा चुके है.
35 मामलों की जांच चल रही है. सबसे ज्यादा राशि 8751110 मेसर्स शिमला सब्जियों की कंपनी RMS ढली पर मामला दर्ज है.
जबकि मेसर्स फ्रूट एंड वेजीटेवल परवाणू, मेसर्स ठाकुर फ्रूट कंपनी कुल्लू, नागेश चंद गितम व पवन कुमार कुल्लू,मेसर्स SMC सोलन, मेसर्स NFC नारकंडा, मेसर्स HB फ्रूट मार्किट कर्नाटक, हंस राज राण्टा परवाणू,मेसर्स TFC नारकंडा, मेसर्स चौहान ब्रदर्स सोलन, मेसर्स दीपक मेहता आनी कुल्लू, प्रमोद चौहान कोटखाई, सागर चावला व मोहन चावला फ्रूट मण्डी पंचकुला.
दीपक मदान पूर्वी दिल्ली, देवराज कपटा रोहडू, मेसर्स CL ट्रेडिंग कंपनी नारकंडा, मेसर्स हिमाचल रोज़ एप्पल नारकंडा, मेसर्स DFC कमिशन एजेंट ठियोग, मेसर्स हिमाचल एप्पल ब्रांड परवाणू, मेसर्स राणा सब्ज़ी मंडी परवाणू, मेसर्स FSM ठियोग, राजेंद्र फ्रूट कंपनी न्यू सब्ज़ी मंडी सोलन, भगवान दास रोहडू, संजीव भरमाईक चौपाल.
मेसर्स धन्टा फ्रूट कंपनी पराला, चमन CL ट्रेडिंग कंपनी नारकंडा, मेसर्स DFC पराला, मेसर्स जय माँ फ्रूट कंपनी नारकंडा, BMS पराला, JJF नारकंडा, दयानंद फ्रूट कंपनी सोलन, KDR रोहडू, हिमाचल स्टेट apple सब्जी मंडी परवाणू, संगरौली फ्रूट ट्रेडर्स नारकंडा, लाल चंद कुमारसैन शिमला पर भी 34,506,406 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं.
विधानसभा में ये सवाल चौपाल के भाजपा विधायक ने पूछा. जिसका जबाब बागवानी मंत्री जगत नेगी की तरफ से सदन में आया है.