- हिमाचल सरकार ने 2561 मल्टी पर्पज वर्कर नियुक्त किए, जलशक्ति विभाग में सर्वाधिक भर्ती
- नाबार्ड के माध्यम से हिमाचल में इलेक्ट्रिक बसों की खरीद, बोलीदाता को आदेश जारी
- समग्र शिक्षा अभियान के तहत हिमाचल को 822 करोड़ की राशि, विभिन्न योजनाओं पर खर्च
Budget Session 2025: बजट सत्र के तीसरे दिन उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों को गति देने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने जलशक्ति विभाग में सबसे अधिक 2561 मल्टी पर्पज वर्कर्ज की नियुक्ति की है, वहीं शिक्षा के क्षेत्र में समग्र शिक्षा अभियान के तहत 822 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। परिवहन व्यवस्था को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए नाबार्ड के माध्यम से इलेक्ट्रिक बसों की खरीद का निर्णय लिया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन डॉक्टरों की कमी अब भी एक गंभीर मुद्दा बनी हुई है। विधानसभा में इन सभी विषयों पर गहन चर्चा हुई, जिसमें विकास कार्यों की प्रगति और चुनौतियों को लेकर अहम सवाल उठाए गए।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने बीते तीन वर्षों में विभिन्न विभागों, निगमों और बोर्डों में कुल 2561 मल्टी पर्पज वर्कर की नियुक्ति की है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान इस जानकारी को साझा किया। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक 2505 नियुक्तियां जलशक्ति विभाग में हुईं, जो पैरा पॉलिसी के तहत की गईं। इसके अलावा कृषि विभाग में 26, पंचायती राज में 12, ग्रामीण विकास विभाग में 10, योजना विभाग में 5, आयुष में 2 और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में 1 नियुक्ति की गई।
हिमाचल सरकार नाबार्ड के माध्यम से खरीदेगी इलेक्ट्रिक बसें
विधानसभा में उपमुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार नाबार्ड के सहयोग से इलेक्ट्रिक बसें खरीदेगी। इस प्रक्रिया की बोली पूरी हो चुकी है और आपूर्ति आदेश जारी किए जा रहे हैं। इस कदम से राज्य में परिवहन व्यवस्था का आधुनिकीकरण होगा और पर्यावरणीय प्रभाव में कमी आएगी।
समग्र शिक्षा अभियान में 822 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश को समग्र शिक्षा अभियान के तहत पिछले दो वर्षों में केंद्र सरकार से 822.71 करोड़ रुपये मिले हैं। यह धनराशि मुख्य रूप से शिक्षक वेतन, मुफ्त वर्दी, किताबें, व्यवसायिक शिक्षा, स्कूल निर्माण, खेल अनुदान और शिक्षक प्रशिक्षण जैसे कार्यों पर खर्च की गई। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 485.97 करोड़ रुपये में से 421.60 करोड़ खर्च हुए, जबकि 2024-25 में पूरी 336.74 करोड़ रुपये की राशि खर्च कर दी गई।
इंदौरा और गंगथ अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी, सरकार भर्ती प्रक्रिया में जुटी
विधानसभा में इंदौरा के विधायक मलेंद्र राजन ने अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी का मुद्दा उठाया। स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने बताया कि इंदौरा और गंगथ सिविल अस्पतालों में कुल 127 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 78 पद भरे गए हैं और 48 रिक्त हैं। हाल ही में सरकार ने 200 डॉक्टरों, 1000 नर्सिंग स्टाफ और 28 लैब टेक्नीशियन के पद भरे हैं, जबकि शेष रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है।
अटल आदर्श स्कूलों के निर्माण में देरी, केवल तीन स्कूलों का कार्य प्रगति पर
शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकार ने प्रदेश में 28 अटल आदर्श स्कूल स्थापित करने की मंजूरी दी थी, लेकिन अभी तक केवल तीन स्कूलों का कार्य शुरू हुआ है। इनमें धर्मपुर के मढी, नाचन के गुडहैरी और कुटलैहड़ के गैहरा स्कूल शामिल हैं। इनमें से मढी स्कूल का निर्माण पूरा हो गया है, जबकि गुडहैरी का 65% और गैहरा का 25% कार्य पूरा हुआ है।
लियो बाईपास सड़क को बीआरओ के अधीन लाने की मांग
लाहौल-स्पीति की विधायक अनुराधा राणा ने लियो बाईपास सड़क को लेकर सवाल उठाया। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह सड़क सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है और इसे बीआरओ के अधीन लाने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है। यदि इसे बीआरओ को सौंपा जाता है, तो इस सड़क का रखरखाव और विकास सुचारू रूप से हो सकेगा।