<p>हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने एसएमसी शिक्षकों की भर्ती के खिलाफ दायर याचिका को स्वीकार करते हुए एसएमसी अध्यापकों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। जिससे प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 2600 के करीब एसएमसी शिक्षक सड़क पर आ गए हैं। 14 अगस्त 2020 को कोर्ट आदेश आने के बावजूद एसएमसी शिक्षक ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को पढ़ा रहे हैं। 130 स्कूल ऐसे है जो सिर्फ़ एसएमसी के भरोसे ही चल रहे हैं। एसएमसी शिक्षकों ने आज से पढ़ाई बन्द करने का ऐलान कर दिया है और सरकार को उनके पक्ष में अपना रुख साफ़ करने के लिए 3 दिन का अल्टीमेटम दिया है।</p>
<p>एसएमसी शिक्षक अध्यक्ष मनोज रोंगटा का कहना कि साल 2012 से हिमाचल के अति दुर्गम क्षेत्रों में बिना किसी रुकावट के सरकारी आदेशों का पालन करते हुए अपनी सेवाएं दे रहे हैं और उनका चयन प्रदेश सरकार द्वारा नियमों के तहत किया गया है। अब कोर्ट के आदेशों के बाद वह परिवार सहित सड़कों पर आ गए हैं। उन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशकीमती 8 साल स्कूलों को दे दिए अब उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया है। सरकार उनके मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में जाए या फ़िर अन्य विकल्प ढूंढे। जिसके लिए सरकार को तीन दिन का समय दिया है। यदि सरकार इस पर कोई निर्णय नही लेती है तो अगला कदम उठाएगी। क्योंकि एसएमसी शिक्षक परेशान हो चुके हैं ओर आत्मदाह तक को मज़बूर हो सकते हैं।</p>
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