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अवैध खनन रोकने के लिए ऊना में स्थापित हुई 4 खनन पड़ताल चौकियां, CM ने किया ऑनलाइन उद्घाटन

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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला से वर्चुअल तरीके से जिला ऊना के बाथड़ी, पोलियां, पंडोगा, मैहतपुर और गगरेट में खनन पड़ताल चौकियों का उद्घाटन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में अवैध खनन को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है, इसके लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन खनन पड़ताल चौकियों और अन्य आवश्यक उपकरणों के निर्माण के लिए 1.01 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि विभिन्न विकासात्मक कार्यों जैसे नए उद्योगों की स्थापना, सड़क निर्माण और अन्य घरेलू जरूरतों के लिए रेत, बजरी और पत्थर की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। इसलिए यह आवश्यक है कि नए संसाधनों का वैज्ञानिक और समुचित तरीके से दोहन किया जाए और अवैध खनन पर अंकुश लगाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाथड़ी, पोलियां, पंडोगा, मैहतपुर और गगरेट में स्थापित पांच खनन पड़ताल चौकियां इस क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने में सहायक सिद्ध होंगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के एक कांग्रेस के नेता ने वर्तमान सरकार पर अवैध खनन को रोकने के लिए कुछ नहीं किए जाने का आरोप लगाया, लेकिन तथ्य यह है कि पिछली राज्य सरकार द्वारा 57 खनन परमिट प्रदान किए गए थे, जो चिंता का विषय है। कांग्रेस नेता को यह समझना चाहिए कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में क्षेत्र में अवैध खनन फल-फूल रहा था। 

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में लघु खनिज जैसे रेत, बजरी व पत्थर की कमी के कारण विकासात्मक कार्य प्रभावित न हों, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न नदी व नालों में उपलब्ध लघु खनिजों की नीलामी पारदर्शी रूप से खुली बोली से करने का निर्णय लिया है। अवैध खनन को रोकने के लिए अवैध खनन, यातायात और भण्डारण करने वाले व्यक्तियों को दो साल की कैद और पांच लाख तक का जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान किया गया है। पट्टे पर खनन के लिए प्रार्थना पत्रों की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल आरम्भ किया गया है, जिससे पट्टे पर खनन उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से सुनिश्चित होगी।

उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि ऊना, सोलन, सिरमौर तथा कांगड़ा जैसे सीमावर्ती जिले अवैध खनन गतिविधियों के लिए संवेदनशील हैं और ये खनन पड़ताल चैकियां अवैध खनन व पड़ोसी राज्यों में अवैध खनिज के यातायात को रोकने में सहायक सिद्ध होंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल के लिए बल्क ड्रग फार्मा पार्क प्राप्त होने की उम्मीद कर रही है, जो ऊना जिला के हरोली विधानसभा क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पार्क से जिले के हजारों युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे।