सिरमौर जिले के संगड़ाह उपमंडल में बसों की भारी कमी और कुछ चालक परिचालकों की मनमानी के चलते सैकड़ों यात्रियों को आए दिन परेशानी झेलनी पड़ रही है। बंजार बस हादसे के बाद ओवरलोडिंग को लेकर पुलिस के सख्त रवैए के बाद सुबह 10 बजे से पहले संगड़ाह पंहुचने वाली एचआरटीसी की बसों को बार-बार आसपास के गांवों के छात्रों और यात्रियों के लिए नहीं रोका जा रहा है। बसों में न बिठाए जाने, चालक परिचालकों की मनमानी और नई बसों की मांग को लेकर गत 28 जून और 9 जुलाई को छात्र संगठन संगड़ाह में एचआरटीसी और हिमाचल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर चुके हैं।
परिवहन निगम द्वारा क्षेत्र की अनदेखी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, पिछले आठ माह से संगड़ाह मे एचआरटीसी का कोई भी कर्मचारी नियुक्त न होने के कारण यहां बुकिंग काउंटर बंद है और बसों की टाइमिंग, टिकटों की जांच की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
हिमाचल के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर द्वारा गत 28 मई 2018 को की गई घोषणा के मुताबिक आज तक हरिद्वार के लिए नौहराधार से पालर, संगड़ाह और बाईला होकर बस नहीं चली। क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों ने बसों की भारी कमी की ओर ध्यान न देने के लिए संबंधित विभाग के प्रति नाराजगी जताई। बयान में उन्होंने कहा कि निजी और सरकारी बसों के चालक, परिचालकों और मालिकों के साथ-साथ संबंधित अधिकारी भी क्षेत्र के यात्रियों को परेशानियों की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। राजकीय महाविद्यालय संगड़ाह के छात्र संगठनों द्वारा की जा रही तीनों मुख्य सड़कों पर संगड़ाह से 10 किलोमीटर तक सुबह 10 बजे से पहले एक अतिरिक्त एचआरटीसी बस चलाने की मांग भी सिरे नहीं चढ़ी।
गौरतलब है कि, करीब 80 हजार की आबादी वाले विकास खंड संगड़ाह में परिवहन निगम की मात्र दो दर्जन बसें होने के चलते अधिकतर बसों और अन्य वाहनों में ओवरलोडिंग आम बात है। परिवहन निगम की देवना बस के सुबह और कूंहट बस के शाम को लेट होने से भी छात्रों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
एसडीएम संगड़ाह की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा 12 सितंबर 2018 को भेजे गए प्रपोजल के मुताबिक, परिवहन विभाग द्वारा गत फरवरी माह में क्षेत्र में 11 निजी बसों के रूट स्वीकृत किए जा चुके हैं। विभाग के अनुसार संगड़ाह के उक्त 11 निजी बस रूट चुनाव आचार संहिता के चलते शुरू नहीं हो सके उन्हें अब आरटीए की बैठक होने के बाद उक्त बसें चलाने की अनुमति मिल सकेगी।
जिला सिरमौर मे बेरोज़गार युवाओं को मिलने वाले कुल 26 में से 11 रूट अकेले उपमंडल संगड़ाह के हैं और इनके लिए 30 के करीब आवेदन मिल चुके हैं। गत सात सालों में इस उपमंडल में वाहन हादसों में क्षेत्र में 123 लोगों की जाने जा चुकी है, जिनमें से जिनमें से 55 की जान चार निजी बस दुर्घटनाओं में गई है। निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक नाहन रशीद शेख ने बताया कि, फिलहाल क्षेत्र में कोई नई बस चलाने की प्रपोजल नहीं है। क्षेत्र में चलने वाली सभी बसों के चालक परिचालकों को निर्धारित समय और तय रूट पर चलने के निर्देश दिए गए हैं।
कार्यवाहक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सोना चौहान ने बताया कि उपमंडल संगड़ाह में कुल 11 रूट स्वीकृत हुए हैं और इनके लिए निर्धारित तारीख तक आवेदन भी मिल चुके हैं। आरटीए की आगामी बैठक में उक्त रूट चालू करने की अनुमति मिल सकेगी। डीएसपी संगड़ाह और स्थानीय थाना प्रभारी आदि अधिकारियों के अनुसार समय-समय पर नियमों की अवहेलना करने वाले बस ओटरेटरों के खिलाफ कार्यवाही की जाती है।