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कोरोना से निपटने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से जारी होंगे 5 करोड़, CM ने किया फैसला

पी. चंद, शिमला |

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि केन्द्र सरकार ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष के अंतर्गत सहायता राशि प्रदान करने के उद्देश्य से कोविड-19 वायरस के प्रकोप को आपदा के रूप में अधिसूचित करने का निर्णय किया है। प्रदेश सरकार ने इस महामारी से लड़ने के लिए आवश्यक कदम उठाने के उद्देश्य से राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से प्रथम चरण में तत्काल पांच करोड़ रुपये जारी करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री आज हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधंन प्राधिकरण की छठी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने राज्य आपदा राहत कोष में अगामी वित्त वर्ष के लिए 454 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जो पिछले वर्ष से 158 प्रतिशत अधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस धनराशि के अतिरिक्त केन्द्र सरकार ने प्रदेश में भू-स्खलन और भूकम्प के जोखिम को कम करने के लिए 50 करोड़ रुपये भी जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपदा न्यूनीकरण के लिए इस वित्त वर्ष 140 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण संस्थागत से व्यक्तिगत स्तर पर आपदा तैयारी, न्यूनीकरण और निवारक उपायों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। प्राधिकरण ने प्रदेश में विभिन्न प्रकार के जोखिमों की संभावना को कम करने के उद्देश्य से 800 करोड़ रुपये की बाह्य द्विपक्षीय आर्थिक सहायता के साथ आपदा जोखिम न्यूनीकरण तत्परता परियोजना लेकर आया है। प्रदेश में जोखिम की संभावनाओं को कम करने के उद्देश्य से इस परियोजना को बहुक्षेत्रीय संरचना के अंतर्गत विकसित किया गया है।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश को विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकम्प, भू-स्खलन, बाढ़ और जलवायु प्रेरित आदि खतरों को कम करना है। इस परियोजना के अंतर्गत आपदा के खतरे के अलावा मानव जीवन और संपत्तियों की हानि को कम करना भी है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को नीति आयोग द्वारा भी सहयोग दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण आठ राज्यों- असम, बिहार, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, उत्तराखण्ड और जम्मू-कश्मीर के लिए राष्ट्रीय भूकम्पीय जोखिम शमन कार्यक्रम की संकल्पना भी कर रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाने के अलावा भूकम्प की स्थिति में प्रारम्भिक चेतावनी प्रसार प्रणाली विकसित करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने कांगड़ा जिला के नूरपुर क्षेत्र के जाछ में स्थाई तौर पर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की एक कंपनी तैनात करने के लिए मंजूरी प्रदान की है। राज्य सरकार ने राज्य में किसी भी आपदा के मामले में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के अनुरूप हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा बल के गठन को भी अधिसूचित किया है। उन्होंने कहा कि जब तक राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) एक अलग दल घटित नहीं करता, तब तक शिमला, मण्डी, धर्मशाला के समीप के स्थलों पर प्रत्येक एक कंपनी को तैनात किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने प्रदेश के 39 विभागों के लिए विभागीय आपदा प्रबन्धन योजना को मंजूरी प्रदान की है। उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा इन योजनाओं को नियमित रूप से अपडेट किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष के अंतर्गत पर्याप्त धनराशि मिल रही है। प्रदेश को वर्ष 2018 में 312.76 करोड़ रुपये, वर्ष 2019 में शीत ऋतु में 64.49 करोड़ रुपये और इसके उपरांत इसी वर्ष 283.97 करोड़ रुपये मिले। जबकि वर्ष 2015 में प्रदेश को 81.22 करोड़, वर्ष 2016 में 63.23 करोड़ तथा 2017 में 84.13 करोड़ रुपये मिले थे।