स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, विपिन सिंह परमार ने रविवार को ग्राम पंचायत गग्गल के गांव धलेरा में समस्याएं सुनी। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में 330 दवाईयां निःशुल्क उपलब्ध करवाने के लिये निःशुल्क दवा नीति के तहत 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ हिमाचल की परिकल्पना को सकार करने के लिए सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार कर आम आदमी के लिये निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं को सुनिश्चित बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के 22 लाख लोगों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत और 5 लाख लोगों को हिम-केयर योजना में शामिल कर विभिन्न 1800 बीमारियों का 5 लाख तक का इलाज निःशुल्क करवाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक स्तर पर ही गंभीर बीमारी के लक्ष्णों का पता लगाने के लिए लोगों के प्रदेश सभी सरकारी अस्पतालों में 56 प्रकार के टेस्ट निःशुल्क करवाये जा सकेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा इसके अतिरिक्त शेष लोगों को भी बीमारी में सहायता के लिये मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष में 10 करोड़ का प्रावधान कर प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को सामाजिक सुरक्षा कवज देने के लिये सरकार ने ईमानदार प्रयास किया है। इस योजना के अंतर्गत 10 बच्चों के कोक्लीयर इम्प्लांट के लिए 55 लाख रुपये की सहायता जारी की गई है। वहीं, जन्में बच्चें के लिए अटल आर्शीवाद योजना में सरकार 1500 रुपये की नव आगुन्तक किट प्रदान कर रही है। इस योजना में 15 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है और अब तक इस योजना में लगभग 1 लाख नवजात शिशुओं को लाभ दिया गया है।
परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृव में यह आम आदमी की सरकार है और प्रदेश में आम आदमी के सरोकार और जरूरत के हिसाब से ही योजनाओं का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परौर से पुड़वा तक सड़क के सुधार और विस्तार कार्य के लिये केंद्रीय सड़क कोष में 17 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं।