आज कारगिल विजय दिवस है, ये दिन 1999 में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ युद्ध जीतने के लिए अपनी जान की कुर्बानी देने वाले शहीद जवानों के सम्मान में मनाया जाता है. 23 साल पहले पाक सेना ने अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए LOC में घुसपैठ करने की हिमाकत की थी. जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में पाक सेना के जवान और जिहादी घुस आए थे. भारतीय सेना ने उन्हें वापस खदेड़ते हुए पूरी दुनिया को अपनी ताकत का परिचय करा दिया था. करीब 60 दिन चले युद्ध में भारत के 527 भारतीय जवान शहीद हुए थे, जबकि पाकिस्तान के तीन हजार से ज्यादा जवानों और जिहादियों को मौत की घाट उतार दिया गया था. 26 जुलाई को यह युद्ध खत्म हुआ था इसलिए इसी दिन को विजय दिवस के तौर पर मनाते हैं.
देश की रक्षा करने में हिमाचली सपूतों का बड़ा योगदान रहा है. जब-जब देश को हिमाचली सपूतों की जरूरत पड़ी है तब-तब उन्होंने इसे साबित भी किया है. प्राणों की आहुति देकर विजय गाथा लिखने वाले इन जवानों का बलिदान हमेशा याद रखा जाता रहेगा.
दुश्मनों पर कहर बनकर टूटने वाले हिमाचली जवान जंग के मैदान में शहादत देना पसंद करते हैं लेकिन हारना नहीं. कारगिल युद्ध में भी जवानों ने शहादत का ऐसा इतिहास लिखा था जिसकी आज भी मिसाल की पेश की जाती है। इन 52 शहीदों में से सबसे ज्यादा शहीद कांगड़ा जिले के थे.वहीं मंडी जिले के 12 जवानों ने देश के लिए प्राण न्यौछावर कर दिए थे. देश की सरहदों पर कुर्बानी देने में जिला हमीरपुर भी पीछे नहीं रहा। युद्ध में यहां से आठ जवान शहीद हुए थे.
इन 52 शहीदों में से 2 को परमवीर च्रक, 5 को वीर चक्र और 9 को सेना मेडल दिए गए थे। इसके अलावा एक युद्ध सेना मेडल, 2 उत्तम युद्ध सेना मेडल और 2 जवानों को मेंशन इन डिस्पेचीज से सम्मानित किया गया था।
इन्हें मिला था परमवीर चक्र:
1. पालमपुर निवासी कैप्टन विक्रम बत्रा
2. बिलासपुर निवासी संजय कुमार
वीर चक्र प्राप्त करने वाले जवान
1. कैप्टन अमोल कालिया
2. हवलदार उद्धम सिंह
3. राइफलमैन श्याम सिंह
4. मेजर संजीव सिंह
5. राइफलमैन मेहर सिंह
कारगिल युद्ध में इन्होंने दिया बलिदान
परमवीर चक्र विजेता बलिदानी कैप्टन बिक्रम बतरा, पालमपुर, कांगड़ा, बलिदानी कैप्टन सौरभ कालिया बंदला पालमपुर, ग्रेनेडियर विजेंद्र सिंह नंदलु, बणे दी हट्टी, कांगड़ा, बलराम दास टांडा मसल नगरोटा बगवां, राइफलमैन राकेश कुमार गोपालपुर, पालमपुर कांगड़ा, राइफलमैन अशोक कुमार लहड़ा, जवाली, कांगड़ा, लांस नायक वीर सिंह बलदोआ, घाड़ जरोट, जवाली, कांगड़ा, सिपाही लखबीर सिंह गंगथ, नूरपुर, सिपाही संतोष सिंह जटोली, नूरपुर कांगड़ा,राइफलमैन जगजीत सिंह कोटपलाहड़ी, नूरपुर, कांगड़ा, हवलदार सुरेंद्र सिंह मतलाहड़, जवाली, कांगड़ा, राइफलमैन सुनील जंग महत खनियारा, धर्मशाला, कांगड़ा, ग्रेनेडियर योगिंद्र सिंह अंब पठियार, ज्वालामुखी, कांगड़ा, ग्रेनेडियर सुरजीत सिंह लोअर सुनेहत डाकघर चुधरेड़, देहरा, कांगड़ा, लांस नायक पदम सिंह इंदौरा, कांगड़ा शामिल हैं जिन्होंने कारगिल में अपने प्राणों की आहूति दे दी.
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