हिमाचल

स्पीति में 69% मतदान 3 बजे तक हुआ दर्ज

मंडी संसदीय सीट और लाहुल स्पिति विधान सभा उपचुनाव को लेकर स्पिति घाटी में मतदाताओं में काफी उत्साह दिखा। विश्व के सबसे उंचे मतदान केंद्र  ताशीगंग में स्थानीय लोगों ने पारम्परिक ड्रेस में मतदान करने  के लिए पहुंचे थे। ताशीगंग मतदान केंद्र में तीन बजे तक कुल 49 मत पड़े। इसमें 28 पुरूष  21 महिला मतदाताओं ने मत डाला। ऐसे में  79 प्रतिशत मतदान यहां हो चुका है। वहीं स्पिति घाटी में 69 प्रतिशत मतदान तीन बजे तक हो चुका था।
ताशीगंग मतदान केंद्र में पहली बार मतदान करने जा रहे 18 साल के कुन्जोक तेंजिन ने कहा कि मैं पहली बार मतदान करने को लेकर काफी उत्साहित था। हम केवल किताबों में ही पढ़ते थे या फिर अपने बड़ो से मतदान के बारे में सुना करते थे। लेकिन इस बार जब पहली बार मत का इस्तेमाल करने का अवसर मिला तो काफी खुशी हो रही है। इसके साथ ही मैंने मत देश के सबसे उंचे मतदान केंद्र में डाला है।  अब मैं हर बार मत का इस्तेमाल किया करूंगा।
कीह गांव की 22 साल की छेंरिंग लेंजोम ने कहा कि पहले में पढ़ाई के सिलसिले में स्पिति से बाहर रहती थी। इस बार पहली बार अपना मत डाला है। मुझे काफी गर्व महसूस हो रहा है। मैं अपना मत सुबह सात बजे मतदान केंद्र में डालने के बाद ताशीगंग आ गई क्योंकि यहां के लोगों में मतदान को लेकर काफी उत्साह रहता है।
एडीसी राहुल जैन ने कहा कि इस बार पूरी स्पिति में मतदान को लेकर काफी उत्साह है।  विश्व के सबसे उंचे मतदान केंद्र में स्थानीय लोगों ने बेहतरीन व्यवस्थाएं की है। हमें उम्मीद  है  कि इस बार भी यहां पर 100 फीसदी मतदान होना है।
पीठासीन अधिकारी प्रेम लाल, एआरओ अजीत कुमार, पोलिंग आफिसर तेंजिन सरप, कुलदीप सिंह, अमरसिंह और प्रदीप कुमार ताशीगंग में तैनात रही । स्थानीय लोगों ने इनके लिए पारम्परिक ड्रेस का प्रावधान किया हुआ था।
ताशीगंग मतदान केंद्र में बच्चों को रखने लिए अलग से व्यवस्था की गई थी। यहां पर बच्चों को खेलने के लिए खिलौने रखे गए थे। इसके साथ टाफियां और चॉकलेट भी बच्चों को वितरित की गई।
ताशीगंग मतदान केंद्र में हर मतदाता के लिए दोपहर के भोजन की व्यवस्था की गई थीं पारम्परिक व्यजनों को परोसा गया । इसके अलावा पिछले दो दिनों से पोलिंग पार्टी और सुरक्षा कर्मियों को भोजना की व्यवस्था स्थानीय लोगों ने ही की है।
ताशीगंग में पहली बार स्थानीय लोगों ने पारम्परिक वस्तुओं की प्रर्दषनी लगाई हुई थी। इसमें गलीचा बनाने का पारमंपरिक उजार, हल, बुखारी, आदि वस्तुओं को प्रदर्शन  किया गया था। यहां के लोगों को कहना है कि चुनावों के दिनों पूरे भारत की नजर ताशीगंग मतदान केंद्र पर होती है। ऐसे में हमें अपनी संस्कृति को दिखाने का भी ये सुनहरा अवसर होता है।
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