सोलन जिला के बद्दी से मंडी जिला में 8 लोग आए हैं। इनमें से दो लोग हेल्मेट बनाने वाली उस कंपनी के कर्मचारी हैं जिसके अधिकारी की पत्नी की कोरोना के कारण मौत हो गई है। यह दोनों लोग बल्ह उपमंडल के रहने वाले हैं और बीती 23 मार्च को वापस अपने घर आ गए थे और क्वारटांइन में थे। बीते दिन जब जिला प्रशासन को इनकी जानकारी मिली तो इन दोनों को तुरंत प्रभाव से जोनल अस्पताल मंडी लाया गया और यहां आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया है।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नरेश ने बताया कि दोनों में कोरोना वायरस को लेकर कोई भी लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। लेकिन ऐहतियात के तौर पर और कोरोना वायरस को लेकर जारी दिशा निर्देशों के तहत इन्हें आईसोलेशन वार्ड में रखा गया है। दोनों के सैंपल जांच के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज भेज दिए गए हैं और रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। डॉ नरेश ने स्पष्ट किया कि दोनों में कोरोना के कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं।
वहीं, बीती रात को बद्दी से ही 6 लोग मंडी शहर में आए हैं। यह लोग वहां क्वारंटाइन में थे और मेडिकल ग्राउंड पर इन्हें मंडी जाने की अनुमति मिली है। प्रशासन ने इन्हें मंडी पहुंचते ही इंस्टीच्यूशन क्वारंटाइन कर दिया है और गुरूद्वारा परिसर मंडी में रखा गया है। एएसपी मंडी पुनीत रघु ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि यह लोग अनुमति के साथ आए हैं लेकिन पुलिस हर बात की बारीकी से जांच पड़ताल कर रही है। यह भी बताया गया कि ये लोग नायब तहसीलदार द्वारा जारी अनुमतिपत्र पर ही मंडी पहुंच गए।
इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जीवा नंद चौहान ने कहा कि नायब तहसीलदार ने कैसे अनुमतिपत्र दे दिया यह एक गंभीर मामला है जिसे प्रशासन के ध्यान में लाकर जांच का आग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह से आना अपने आप में एक अपराध है।