कुल्लू के करीब आठ विद्यार्थी यूक्रेन में फंसे हैं। रूस के तेज होते हमले के बीच बच्चों के साथ उनके परिजन भी चिंतित हैं। वे रात भर सो भी नहीं पा रहे हैं। परिजन भारत सरकार से बच्चों को जल्द अपने देश पहुंचाने की गुहार लगा रहे हैं। वहीं दैनिक अख़बार के मुताबिक, ख़बर है कि कुल्लू की छात्रा वंशिता रोमानिया बॉर्डर पर पहुंच गई हैं। उन्हें माइनस तापमान में लगभग चार किलोमीटर पैदल सफर करना पड़ा।
इसके बाद वह रोमानिया स्थित कैंप में पहुंच गई हैं। अब हवाई जहाज में सीट मिलने का इंतजार है। उनके पिता देवव्रत धीमान ने मांग की है कि केंद्र सरकार उनकी बेटी के साथ कीव में फंसे हजारों भारतीय बच्चों को जल्द निकाले। कीव में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। उधर, कटराईं के भाई-बहन और मनाली की शुभदर्शनी अभी भी यूक्रेन के उजहोरोड में हैं।
परिजन बच्चों का हालचाल जानने के लिए दिन-रात फोन कर रहे हैं। विवेक गौतम ने कहा कि उनके दोनों बच्चों ने किराये का कमरा छोड़ दिया है। उन्हें हॉस्टल में रखा गया है। कुछ बच्चों को निकाला गया है। अब उन्हें अपनी बारी का इंतजार है। मनाली से शुभदर्शनी के पिता भूप सिंह ने कहा कि अभी बेटी का नंबर नहीं आया है। एएसपी कुल्लू एनएच नेगी ने कहा कि अभी यूक्रेन से एक छात्रा अपने घर पहुंची है।
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